कवियों ने बहाई काव्य रंग रसधारा
नगर के सत्यांनज मोहल्ले में स्थित बाबा महामृत्युंजय मंदिर के वार्षिक श्रृंगार के अवसर पर रंगभरी एकादशी की शाम अखिल भारतीय काव्य गोष्ठी का आयोजन किया गया। जिसमें वाराणसी समेत बिहार व पूर्वांचल के कवियों ने अपनी रचनाओं से काव्य गोष्ठी में चार चांद लगा दिया।
जासं, अहरौरा (मीरजापुर) : नगर के सत्यांनज मोहल्ले में स्थित बाबा महामृत्युंजय मंदिर के वार्षिक श्रृंगार के अवसर पर रंगभरी एकादशी की शाम अखिल भारतीय काव्य गोष्ठी का आयोजन किया गया। जिसमें वाराणसी समेत बिहार व पूर्वांचल के कवियों ने अपनी रचनाओं से काव्य गोष्ठी में चार चांद लगा दिया।
बिहार के चंपारन से आई एक मात्र कवित्री शिलु उमरान ने मां सरस्वती की वंदना से शुभारंभ किया-मां शारदे सरगम सजा दो, इसके बाद इन्होंने काव्य रचना -हो कहीं भी नफरत की चिगारिया प्यार ही प्यार अपने वतन में रहे.. सुनाया। नारसिहं साहसी ने अपनी रचना पढ़ी- जुटल मोदी क दुनिया में तार, औकात तनी नापिजा..। मनोज मधुर ने सुनाया- प्रीत के रंग में रंग दे..। कवि नागेश साडिल्य ने विज्ञापन का प्रचार किया। संचालन कर रहे चकाचक बनारसी दिल्ली से अपने ओज रस से सराबोर किया। चुनार के सुरेंद्र अंकुर, कमलेश्वर कमल, वाराणसी के नागेश शांडिल्य, अवधेश रजत आदि ने भी अपनी रचनाओं से लोगों का मनोरंजन किया। डा. अरुण प्रकाश द्विवेदी, राम जयश्री, मनीष मिश्रा, कमल मौर्या, अमरेश चंद्र पांडेय, सुरेश गाफिल, सदानंद यादव आदि उपस्थित थे।