विध्यधाम नहीं आया खत्री समाज, तीर्थ पुरोहित मायूस
विध्यधाम में सावन के अष्टमी पर इस बाद खत्री समाज के लोगों के न आने से तीर्थ पुरोहित संग स्थानीय दुकानदार मायूस रहे है। हालांकि हर साल हजारों की संख्या में वाराणसी कोलकाता लखनऊ कानपुर दिल्ली हरियाणा पंजाब आदि प्रांतों से खत्री समाज के लोग सावन के अष्टमी पर मां विध्यवासिनी के दरबार में हाजिरी लगाने के लिए आते थे लेकिन इस बार कोरोना संक्रमण के चलते समाज का एक भी व्यक्ति नहीं आए। हर साल मंदिर के नंबर एक प्रवेश मार्ग खचाखच भरा रहता था लेकिन इस बार खाली रहा।
जागरण संवाददाता, विध्याचल (मीरजापुर) : विध्यधाम में सावन की अष्टमी पर खत्री समाज के लोगों के न आने से तीर्थ पुरोहित, स्थानीय दुकानदार मायूस रहे। हालांकि हर साल हजारों की संख्या में वाराणसी, कोलकाता, लखनऊ, कानपुर, दिल्ली, हरियाणा, पंजाब आदि प्रांतों से खत्री समाज के लोग सावन के अष्टमी पर मां विध्यवासिनी के दरबार में हाजिरी लगाने के लिए आते थे लेकिन इस बार कोरोना संक्रमण के चलते समाज का एक भी व्यक्ति नहीं आए। हर साल मंदिर के नंबर एक प्रवेश मार्ग खचाखच भरा रहता था लेकिन इस बार खाली रहा। मंदिर परिसर में सप्तमी से एकादशी तक मंदिर भी भजन कीर्तन कर खत्री समाज के लोग रात में ज्योति जलाते थे। खत्री समाज के लोगों के न आने से होटल, धर्मशाला खाली रहे, पहाड़ भी सूना रहा। हालांकि इस बार अष्टमी पर मां विध्यवासनी का दर्शन पूजन करने के लिए आसपास के लोगों के अलावा गांव से लगभग दस हजार श्रद्धालुओं ने पहुंचे। शारीरिक दूरी का पालन कराने के लिए पंडा समाज के लोग मौजूद रहे। श्रद्धालुओं को सैनिटाइज देकर उनका हाथ भी साफ कराया।