मौन व्रत रख कृषि सुधार आध्यादेश का किया विरोध
जागरण संवाददाता मीरजापुर केंद्र सरकार द्वारा पारित किए गए तीन कृषि सुधार आध्यादेश के
जागरण संवाददाता, मीरजापुर : केंद्र सरकार द्वारा पारित किए गए तीन कृषि सुधार आध्यादेश के खिलाफ शनिवार को प्रगतिशील युवा मंच के सदस्यों ने बरियाघाट पर एक घंटे का प्रतीकात्मक मौन व्रत रखा और आध्यादेश को किसान विरोधी करार दिया।
प्रगतिशील युवा मंच के सदस्यों ने हरियाणा में आध्यादेश का विरोध कर रहे किसानों पर हुए लाठीचार्ज की कड़ी निदा की। कहा कि केंद्र सरकार कांट्रैक्ट फार्मिंग के नाम पर किसानों को उनके खेतों से बेदखल करना चाहती है और पिछले दरवाजे से अडानी अंबानी को कारपोरेट को कृषि में प्रवेश देना चाहती है। यह किसान कत्तई बर्दाश्त नहीं करेगा। अध्यक्ष आयुष सिंह ने कहा कि कांट्रैक्ट फार्मिंग को कानूनी वैद्यता मिलने के बाद कंपनियां खेती करेंगी और किसान मजदूर बनकर रह जाएगा। आय बढ़ाने के नाम पर सरकार एग्रो बिजनेस में काम करने वाले निजी कंपनियों के लिए खेती का रास्ता खोल रही है। इसके परिणाम भयावह होंगे।
कोरोना काल में किसान को तात्कालिक अल्पकालिक मदद की जरूरत थी। ऐसे में बिना संसद में चर्चा कराए चुपके से आध्यादेश लाना सरकार की नियत पर सवाल खड़ा करता है। कहा कि सरकार कृषि सुधार आध्यादेश 2020 को वापस ले अन्यथा किसान सड़क पर आंदोलन करने के लिए बाध्य होंगे। इस दौरान मो. सलीम, शैलेंद्र अग्रहरि, प्रतीक पांडेय, सर्वेश चौबे, आयुष राज यादव, हर्षित दुबे, प्रिस अहमद, अमन राज यादव, वत्सल श्रीवास्तव, रोहित यादव, आशीष यादव, रामअवतार, दुर्गेश दुबे, सुब्रत अग्रहरि संदीप मिश्रा आदि रहे।