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कर्मियों को ही नहीं पता साहब कहां गए

सुबह ग्यारह बजे जागरण टीम जब तहसीलदार कार्यालय पहुंचती तो नायब तहसीलदार के न्यायालय दरवाजे पर ताला लटका मिला। उससे भी बड़ी बात यह उपस्थित कर्मियों को पता नहीं कि साहब कहां गए हैं। ऐसे में सवाल यह है कि ये अधिकारी जब सीएम के आदेश को नहीं मानते तो भला फरियादियों की पुकार कैसे सुन पाते होंगे।

By JagranEdited By: Published: Wed, 16 Jan 2019 10:12 PM (IST)Updated: Wed, 16 Jan 2019 10:15 PM (IST)
कर्मियों को ही नहीं पता साहब कहां गए
कर्मियों को ही नहीं पता साहब कहां गए

जागरण संवाददाता, लालगंज (मीरजापुर): सुबह ग्यारह बजे जागरण टीम जब तहसीलदार कार्यालय पहुंची तो नायब तहसीलदार के न्यायालय दरवाजे पर ताला लटका मिला। उससे भी बड़ी बात यह उपस्थित कर्मियों को पता नहीं कि साहब कहां गए हैं। ऐसे में सवाल यह है कि ये अधिकारी जब सीएम के आदेश को नहीं मानते तो भला फरियादियों की पुकार कैसे सुनते होंगे।

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नायब तहसीलदार लालगंज (रिक्त) के न्यायालय में उपस्थित मिले पेशकार शिवकुमार चौबे ने बताया कि नायब तहसीलदार प्रभुनाथ यादव ट्रेजरी आफिसर के साथ ट्रेजरी का निरीक्षण करने गए हुए हैं। नायब तहसीलदार हलिया के पेशकार का पद रिक्त होने के कारण निजी कर्मचारी श्याम नारायण पेशकार के तौर पर कई वर्ष से कार्यरत हैं। लालगंज तहसील में प्रतिदिन सैकड़ों फरियादियों का आना होता है। एसडीएम लालगंज के दफ्तर के ठीक सामने स्थित नायब तहसीलदार के न्यायालय व दफ्तर दोनों एक ही कमरे में है। टीम ने देखा की कुंडी व ताला लगा हुआ था। बाहर दो फरियादी अपनी समस्या के बारे में साहब के आने का इंतजार कर रहे थे। ये रही शिकायत

हलिया ब्लाक के नौगवां गांव से आए मौनीराम पटेल ने बताया की 2011 मे जमीन का बैनामा कराए थे जिसका 12 मार्च 2012 को खारिज दाखिल करने का आदेश दिया गया लेकिन पुन: उसी आदेश को स्थगित कर दिया। तबसे अब तक तारीख पर तारीख लग रही है। अधिवक्ता चंद्रदत्त त्रिपाठी ने बताया कि एक ही नायब तहसीलदार हलिया दोनों का कार्य देख रहे हैं। इससे न्यायिक व प्रशासनिक कार्य प्रभावित हो रहा है। नाम चढ़ाने में लग रहे तीन साल

अकेले नायब तहसीलदार इतना व्यस्त रहते हैं कि माह में एकाध दिन आफिस में बैठ पाते है। लब्बोलुआब यह कि नायब तहसीलदार कार्यालय में सिर्फ अविवादित मामलों का ही आदेश हो पा रहा है। विवादित मामले कई वर्षों से न्याय के लिए अटके हुए हैं। बामी निवासी महेंद्र प्रसाद ने बताया की अपनी जमीन पर नाम चढ़ाने के लिए तीन साल से तारीख पर तारीख लग रहा है। नायब तहसीलदार आफिस : एक नजर में

कुल आबादी : चार लाख

खारिज दाखिल के लंबित मामले - 198

हलिया नायब तहसीलदार अधीन- 95

लालगंज नायब तहसीलदार अधीन- 103


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