तालाबों से नहीं हटा अतिक्रमण, कैसे होगा जल संरक्षण
जासं, मीरजापुर : जिले के नब्बे प्रतिशत तालाबों पर अतिक्रमण हो गया है। योगी सरकार ने भी अतिक्रमण हटान
जासं, मीरजापुर : जिले के नब्बे प्रतिशत तालाबों पर अतिक्रमण हो गया है। योगी सरकार ने भी अतिक्रमण हटाने का सख्त निर्देश दिया है। इसके लिए तहसील, जिला व मंडल स्तर पर टीम गठित कर दी गई लेकिन अभी तक तालाबों से अतिक्रमण नहीं हटाया गया। ऐसे में कैसे तालाबों की मरम्मत होगी व उसमें जल संचयन का प्रबंध किया जाएगा। इसको बताने के लिए किसी तांत्रिक की जरूरत नहीं है।
जिले की 809 ग्राम पंचायतों में ढाई हजार से अधिक तालाब हैं, लेकिन गर्मी के मौसम में 95 प्रतिशत से अधिक तालाब सूख जाते हैं। इससे पेयजल का गंभीर संकट उत्पन्न हो जाता है। तालाबों के सूखने से भूगर्भ जल स्तर भी नीचे चला जाता है इससे अधिकांश हैंडपंप पानी छोड़ देते हैं। पेयजल के लिए हर साल हाय तौबा मचने लगता है तो शासन प्रशासन को तालाबों की याद आती है। तब तालाबों के मरम्मत की योजना बनाई जाती है, लेकिन बरसात होने के बाद लोग तालाबों को भूल जाते हैं।
मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने प्रदेश की बागडोर संभालने के बाद तालाबों से अतिक्रमण हटाने के लिए अधिकारियों को निर्देश दिया था। यहीं नहीं अतिक्रमण हटाने के लिए तहसील, जिला व मंडल स्तर पर टीम गठित कर दी गई। लेकिन अभियान कहीं चला ही नहीं। अतिक्रमण हटाने के लिए गठित टीम कागजी साबित हो रही है। तालाबों पर अतिक्रमण बढ़ता जा रहा है। भीटा पर तो मकान बना लिए हैं अब तालाबों को पाट कर उस पर कब्जा करते चले जा रहे हैं। राजस्व अधिकारियों की उदासीनता के कारण बहुत से तालाबों का अस्तित्व ही समाप्त हो गया है। अतिक्रमण करने वाले अपने घरों का गंदा पानी व मलमूत्र भी उसी तालाब में बहा कर गंदगी फैला रहे हैं।
ग्राम समाज के सम्पति की सुरक्षा की मुख्य जिम्मेदारी ग्राम प्रधानों की होती है, लेकिन वे वोट की राजनीति कर रहे हैं। ग्राम प्रधान अतिक्रमण हटाने की बजाय खुद गुपचुप तालाबों पर अतिक्रमण करा रहे हैं। जब गांव का मुखिया अतिक्रमण हटाने के लिए आगे नहीं आ रहे हैं तो राजस्व विभाग के अधिकारी भी चुप्पी साधे हुए हैं। इससे अतिक्रमण करने वालों का हौसला बुलंद है। प्रधान के अलावा ग्रामीण भी अतिक्रमण की शिकायत कर रहे हैं, लेकिन तालाबों से अतिक्रमण नहीं हट रहा है।