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आज बाणसागर से किसानों के लिए विकासबाण का संधान करेंगे मोदी

मध्य प्रदेश, बिहार और उत्तर प्रदेश के किसानों के लिए आज विकास का बाण चलेगा। बाणसागर से विकासबाण से मोदी पूरे देश को विकास का संदेश देंगे।

By Nawal MishraEdited By: Published: Sat, 14 Jul 2018 10:01 PM (IST)Updated: Sun, 15 Jul 2018 08:38 AM (IST)
आज बाणसागर से किसानों के लिए विकासबाण का संधान करेंगे मोदी
आज बाणसागर से किसानों के लिए विकासबाण का संधान करेंगे मोदी

मीरजापुर (जेएनएन)। मध्य प्रदेश, बिहार और उत्तर प्रदेश के किसानों के लिए आज विकास का बाण चलेगा। बाणसागर परियोजना रूपी विकासबाण से प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी रविवार को पूरे देश को विकास का नया संदेश देंगे। इसे विंध्य की धरती से आगामी लोकसभा चुनाव को लेकर हुंकार भी माना जा सकता है। परियोजना की परिकल्पना वर्ष 1956 में केंद्रीय जल विद्युत शक्ति आयोग द्वारा की गई थी। इसे 1977 में ही स्वीकृति दे दी गई थी। इसका शिलान्यास तत्कालीन प्रधानमंत्री मोरारजी देसाई द्वारा 14 मई, 1978 को कर दिया गया था लेकिन, शासन-प्रशासन के दांव-पेच के चलते अभी तक इसे अमलीजामा नहीं पहनाया जा सका था। अब इस परियोजना को मौजूदा केंद्र व प्रदेश की सरकार ने परवान चढ़ाया है। इस परियोजना से उत्तर प्रदेश के साथ ही बिहार व मध्य प्रदेश के भी लाखों किसानों को लाभ मिलेगा। अब 3148.91 करोड़ रुपये की लागत से यह परियोजना तैयार है।

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बाणसागर परियोजना का प्रधानमंत्री के हाथों लोकार्पण होने के मद्देनजर अदवा बैराज को दुल्हन की तरह सजाया गया है। यह परियोजना हलिया विकास खंड स्थित अदवा नदी के कैमूर पहाड़ की तलहटी में 3148.91 करोड़ की लागत से प्रारंभ की गई थी। विंध्य पर्वत और कैमूर श्रृखंलाओं की बाधाओं को पार करते हुए 25.600 किलोमीटर अदवा मेजा लिंक नहर का निर्माण किया गया। इसमें 150132 हेक्टेयर सिंचाई का लक्ष्य निर्धारित किया गया है। अदवा, मेजा, जरगो बांध को पानी से भरने की योजना बनाई गई है। सिंचाई सुविधा को देखते हुए बैराज में आठ गेट अदवा नदी में पानी छोडऩे के लिए बनाए गए हैं, दूसरी ओर तीन गेट बाणसागर नहर में पानी गिराने के लिए बने हैं। इससे मीरजापुर में 75309 हेक्टेयर और इलाहाबाद में 74823 हेक्टेयर यानी कुल 150132 हेक्टेयर सिंचाई करने की योजना है। नहरों की कुल लंबाई 171.80 किमी और क्षमता 46.46 क्यूसेक पानी की होगी। इससे एक लाख 70 हजार किसानों का परिवार लाभान्वित होगा। इस परियोजना से मध्य प्रदेश में 1.54 लाख हेक्टेयर, उत्तर प्रदेश में 1.50 लाख हेक्टेयर और बिहार में 94 हजार हेक्टेयर क्षेत्र में सिंचाई हो सकेगी। 


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