धनराशि उपभोग की धीमी गति, डीएम के तेवर तल्ख
शासन के तमाम निर्देशों के बाद भी सरकारी विभागों में तैनात अफसर सुधरने का नाम नहीं ले रहे। जिसकी बानगी आज नरायनपुर विकास खंड मुख्यालय में देखने को मिली। दरअसल डीएम अनुराग पटेल अचानक औचक निरीक्षण के लिए ब्लाक मुख्यालय पहुंच गए।
जागरण संवाददाता, चुनार (मीरजापुर) : शासन के तमाम निर्देशों के बाद भी सरकारी विभागों में तैनात अफसर सुधरने का नाम नहीं ले रहे। जिसकी बानगी आज नरायनपुर विकास खंड मुख्यालय में देखने को मिली। दरअसल डीएम अनुराग पटेल अचानक औचक निरीक्षण के लिए ब्लाक मुख्यालय पहुंच गए। मंगलवार पूर्वाह्न 11 बजकर पचास मिनट पर पहुंचे डीएम ने करीब दो घंटे तक जमकर बीडीओ नरायनपुर की क्लास ली।
ब्लाक क्षेत्र में विकास कार्यों के लिए शासन द्वारा राज्य वित्त, पूर्वांचल विकास निधि, विधायक निधि, तेरहवां वित्त समेत विभिन्न निधियों में आवंटित किए गए एक करोड़ छह लाख से अधिक की धनराशि में मात्र एक लाख 85 हजार रुपये खर्च किए जाने की जानकारी पर डीएम के तेवर काफी तल्ख हो गए और उन्होंने खंड विकास अधिकारी को जमकर फटकार लगाई। जिलाधिकारी ने कहा कि आप जैसे अफसरों के चलते ही शासन की मंशा पूरी नहीं होती है। डीएम ने बीडीओ को फटकारते हुए कहा कि सरकारी धन के गुणवत्ता पूर्ण उपभोग में लापरवाही क्षम्य नहीं है। मात्र एक फीसद धन खर्च किया जाना ही अपने आप में लापरवाही और कार्य में शिथिलता का सबसे बड़ा प्रमाण है। उन्होंने अधूरे पड़े विकास कार्यों में तेजी लाने के लिए निर्देशित किया।
जिलाधिकारी ने सबसे पहले कम्प्यूटर कक्ष पहुंचे। जहां उन्होंने मनरेगा के रिकार्ड देखे। निरीक्षण में जिलाधिकारी ने पाया कि ब्लाक क्षेत्र के पचेवरा, नियामतपुर खुर्द, जगरनाथपुर, सिकिया समेत 47 ग्राम पंचायतों में एक से दो लाख रुपए के कार्य मनरेगा के तहत कराए गए हैं, लेकिन पत्रावलियों में किसी भी अधिकारी की संस्तुति न होने पर डीएम ने नाराजगी जाहिर करते हुए इसकी जांच कराने के निर्देश दिए। प्रधानमंत्री आवास व शौचालयों के निर्माण की प्रगति के बारे में पूछने पर बीडीओ ने बताया कि 2016 से 2018 तक विकास खंड में 969 प्रधानमंत्री आवास स्वीकृत किए गए थे। इनमें से मात्र चार को छोड़ कर सभी लाभार्थियों के खातों में दूसरी किश्त भेजी जा चुकी है। मात्र चार लाभार्थियों के खातों में तकनीकी कारणों व भूमि विवाद के कारण पैसा नहीं भेजा गया है। शौचालय की प्रगति के बारे में बताते हुए बीडीओ ने डीएम को बताया कि 26140 के लक्ष्य के सापेक्ष 23955 शौचालय पूरे कर लिए गए हैं जिनकी फोटोग्राफी भी कराई जा चुकी है। शेष शौचालय भी निर्माण के अंतिम चरण में हैं।
उपस्थिति पंजिका देख चढ़ा डीएम का पारा
ब्लाक मुख्यालय पहुंचे जिलाधिकारी ने जब उपस्थिति पंजिका देखी तो उनका पारा चढ़ गया। एडीओ पंचायत लंबी छुट्टी पर है। जिसे देखकर डीएम ने कहा कि अधिकारियों के इतनी लंबी छुट्टी पर जाने से कार्य प्रभावित होता है। वही जेई अच्छेलाल के बारे में पूछने पर बीडीओ ने उनके बीमार होने की जानकारी दी। एडीओ आईएसबी के अनुपस्थित रहने का कारण पूछने पर बीडीओ ने बताया कि वह क्षेत्र में स्वयं सहायता समूहों के गठन के लिए गए हैं। वहीं चतुर्थ श्रेणी कर्मचारी पांडु के अनुपस्थित रहने पर जिलाधिकारी ने उसका एक दिन का वेतन काटने के निर्देश देते हुए बाकी छुट्टी पर रहने वाले अधिकारियों से स्पष्टीकरण मांगने के निर्देश डीपीआरओ को दिए।
सीएम संदर्भित शिकायतों का करें निबटारा
जिलाधिकारी ने मुख्यमंत्री व जिलाधिकारी को संदर्भित शिकायतों के निस्तारण के बारे में खंड विकास अधिकारी से पूछा तो उन्होंने बताया कि मात्र तीन शिकायतें लंबित हैं। वहीं दूसरी ओर शिकायत पंजिका में 25 शिकायतें लंबित दर्शाई गई थी। यदि शिकायतें निस्तारित की जा चुकी थीं तो उनके सामने निस्तारित किए जाने का कोई संकेत नहीं बनाया गया था।
गंदगी देख कर डीएम नाराज
एक ओर शासन स्वच्छता अभियान को लेकर दिन रात एक किए हुए है और ग्रामीण क्षेत्रों में साफ सफाई और उसके प्रति लोगों को जागरूक करने का जिम्मा विकास विभाग व पंचायत विभाग का है। वहीं दूसरी ओर ब्लाक मुख्यालय पर शौचालय समेत हर तरफ फैली गंदगी देख जिलाधिकारी बिफर पड़े। ब्लाक सभागार के अंदर पड़े कूड़ा करकट देख कर नाराजगी जताते हुए डीएम ने उसे तुरंत साफ कराने को कहा जिस पर ब्लाक कर्मियों ने डीएम के सामने ही कचरा उठाकर बाहर फेंका। यहां से निकलने के बाद डीएम ने जैसे ही बगल में बने विश्राम कक्ष को खुलवाया तो वहां भी गंदगी का वही हाल था। जिलाधिकारी ने बीडीओ को हिदायत दी कि ब्लाक परिसर में कहीं भी गंदगी न दिखाई दे। स्वच्छता के प्रति लापरवाही कतई क्षम्य नहीं है।
सहमे-सहमे नजर आए कर्मी
डीएम के ब्लाक मुख्यालय पहुंचने पर ब्लाक कर्मियों में हड़कंप सा मच गया। हर ब्लाक कर्मी सहमा सहमा सा नजर आया कि कहीं जिलाधिकारी कुछ पूछ न बैठें और किसी पर गाज न गिर जाए। जिलाधिकारी ने दो घंटे तक कई पत्रावलियों का निरीक्षण किया और उसके बारे में खंड विकास अधिकारी से पूछताछ की।