मोबाइल की लत, छुटकारा दिलाएंगे अब डाक्टर साहब
राष्ट्रीय मानसिक स्वास्थ्य कार्यक्रम के अन्तर्गत मोबाइल से की लत से छुटकारा देने के लिए मण्डलीय चिकित्सालय में मनकक्ष नाम से एक कक्ष बनाया गया है। इसमें आत्महत्या के प्रयास पर रोक लगाने मोबाइल नशा मुक्ति आदि रोगों के रोकथाम हेतु सुविधाएं उपलब्ध करायी गई है।
जागरण संवाददाता, मीरजापुर : राष्ट्रीय मानसिक स्वास्थ्य कार्यक्रम के अन्तर्गत मोबाइल से की लत से छुटकारा देने के लिए मंडलीय चिकित्सालय में मन कक्ष नाम से एक कक्ष बनाया गया है। इसमें आत्महत्या के प्रयास पर रोक लगाने, मोबाइल नशा मुक्ति आदि रोगों के रोकथाम हेतु सुविधाएं उपलब्ध कराई गई है। जिसके लिए चिकित्सा एवं स्वास्थ्य विभाग से पत्र सभी चिकित्साधिकारियों को प्राप्त हो चुका है। यह सेवा यहीं नहीं बल्कि प्रदेश के हर मंडलीय चिकित्सालय में होगी।
केन्द्र स्वास्थ्य निदेशक के निर्देश पर मंडलीय चिकित्सालय में यह कक्ष बनवाया गया है जिससे किसी मानसिक व मोबाइल से लत व्यक्तियों को कठिनाई का सामना न करना पड़े। मोबाइल का अधिक समय तक प्रयोग करने के कारण आज कल के युवाओं में एक नये रोग ने जन्म ले लिया है। इसका प्रयोग आज के युवा इस तरह से कर रहे कि उनकी आंखें शुष्क होती जा रही है। अगर उनसे मोबाइल का प्रयोग करने से मना कर दिया जाये तो वह आक्रामक रूप बना लेते है। इस स्थिति में यह भी देखा जाता है कि बच्चों का परीक्षाओं में कम अंक आ जाता है। जिससे बच्चे फेल तक हो जाते है। मोबाइल में गेम को खेलने व अन्य कारणों से लोग आत्महत्या तक करने का विचार बना लेते है। ऐसे बच्चों व व्यक्तियों को आवश्यकतानुसार औषधियों से ही उपचार किया जाना चाहिए। इस प्रकार कई व्यक्तियों और बच्चों के जीवन को खत्म होने से बचाया जा सकता है। डा. नीलेश कुमार ने बताया कि मोबाइल की लत छोड़ाने की काउसंलिग की जाएगी। मोबाइल का ज्यादा प्रयोग करने से सिर दर्द, बेचैनी, थकान, शारीरिक कमजोरी और नीद का समय से न आने के कारण लोगों के स्वास्थ्य पर खराब असर पड़ रहा है। ऐसे लोगों को मोबाइल की लत से छोड़ाने के लिए आवश्यकतानुसार दवाई भी उपलब्ध कराई जाएगी। जो बिल्कुल नि:शुल्क दी जाएगी। यह दवा सभी पीएचसी व सीएचसी पर जल्द उपलब्ध कराई जाएगी। वर्जन
मोबाइल का इस्तेमाल करने से बढ़ रही आत्महत्या की घटना व खराब हो रहे स्वास्थ्य से लोगों को बचाने के लिए मंडलीय चिकित्सालय में मनकक्ष बनाया गया है। जिसमें इसकी लत पड़ने वाले लोगों को इससे बचाने के लिए की ट्रेनिग देते हुए दवा भी दी जाएगी। जिससे कुछ दिनों बाद वह इस समस्या से छुटकारा पा लेंगे।
--डॉ ओपी तिवारी मुख्य चिकित्साधिकारी
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