जिले में रोपे गए लाखों पौधे, हरियाली कहीं नहीं
पिछले पांच सालों के अदंर जिले में पांच करोड़ से अधिक पौंधे रोपे गए। लेकिन जमीनी हकीकत पर एक करोड़ भी पौंधे नहीं दिखाई दे रहें है। जिससे कही पर हरियाली नहीं दिखाई दे रही है। इन पौंधों को जमीन निगल गई या आसमान यह पता लगाना मुश्किल हो रहा है।
जागरण संवाददाता, मीरजापुर : पिछले पांच सालों के अंदर जिले में पांच करोड़ से अधिक पौधे रोपे गए। लेकिन जमीनी हकीकत पर एक करोड़ भी पौधे नहीं दिखाई दे रहें है। जिससे कही पर हरियाली नहीं दिखाई दे रही है। इन पौधों को जमीन निगल गई या आसमान यह पता लगाना मुश्किल हो रहा है। जबकि इनको लगाने में लाखों रुपये खर्च हुए है। कागजों पर पौधरोपण कर दिए जाने के चलते कही पर भी पौधे नहीं दिखाई दे रहे हैं।
शासन की ओर से पर्यावरण को संरक्षित और सुरक्षित करने के लिए समय समय पर प्रदेशभर के पहाड़ी क्षेत्रों में पौधरोपरण कराया जाता है। ताकि ये क्षेत्र हरे भरे दिखाई दे। प्राकृतिक संतुलन भी बना रहे। पिछले कुछ सालों की बात की जाए तो तत्कालीन व वर्तमान सरकार ने प्रदेश भर में पौधरोपण अभियान चलाकर एक नया कीर्तिमान स्थापित किया है। तत्कालीन सपा सरकार के दौरान एक दिन के अंदर प्रदेश में पांच करोड़ पौधे रोपने का रिकार्ड बनाया गया तो योगी सरकार में 15 अगस्त के दिन 11 लाख व भारत छोड़ों आंदोलन के 77वीं वर्षगांठ पर नौ अगस्त को जिले में 34 लाख 60 हजार पौधे लगाए गए। इसमें वन विभाग, विकास विभाग से लेकर समस्त विभाग शामिल रहे। जिनको पौंधा लगाने का बाकायदा लक्ष्य दिया गया था। लेकिन इन्होंने जमीन पर पौध लगाने की बजाय कागजों पर ही पौधरोपण कराते हुए लक्ष्य को पार कर लिया। बाबा रामदेव व पंडित रविशंकर द्वारा लगाया गया पौधा भी गायब
जनपद आगमन के दौरान बाबा रामदेव ने 19 नवंबर 2011 जीआईसी में औषधि वाटिका लगाया था। जिसमें ऑवला, बेल, नीम व अशोक के पौंधे थे। इसके बाद श्री श्री 1008 पंडित रविशंकर ने भी जीआईसी में मिशन ग्रीन अर्थ के तहत नौ नवंबर 2011 को पौधरोपण किया था। इसमें रूद्राक्ष, बेल, ऑवला, अशोक, आम शामिल है। इन दोनों महान हस्तियों द्वारा लगाए गए पौधे आज कहा है किसी को पता नहीं है। इनसेट
योजना के अलावा रोपे जाते हैं पौधे
योजना के अलावा हर साल वन विभाग की ओर से दस से 12 लाख पौधे जंगलों समेत अन्य स्थानों पर लगाए जाते हैं। लेकिन ये पौधे कहा लगाए जाते हैं और कितनी मात्रा में लगाए जाते हैं। इस कहना संभव नहीं है।
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एक लाख हेक्टेयर में पूरा वन क्षेत्र फैला है। इसमें ड्रमंडगंज, अहरौरा, मड़िहान, छानबे, समेत अन्य क्षेत्र आते हैं। वन क्षेत्र की कमी और सुविधा न होने से यहां पर पर्यटन को बढ़ावा नहीं मिल पर रहा है। इनसेट
नौ अगस्त को इन विभागों को पौध लगाने का दिया गया था लक्ष्य
जिले में भारत छोड़ों आंदोलन के 77वीं वर्षगांठ पर नौ अगस्त को कुल 32 लाख 60 हजार पौधे लगाए जाने थे। इसमें वन विभाग को 12 लाख 62 हजार, विकास विभाग को 13 लाख 60 हजार, डेढ़ लाख डीपीआरओ, डेढ़ लाख जिला पंचायत विभाग, एक लाख 20 हजार उद्यान विभाग, 50 हजार माध्यमिक परिषद, 52 बेसिक शिक्षा, 50 हजार स्वास्थ्य विभाग, 50 हजार सिचाई विभाग, 50 हजार पीडब्ल्यडी, 50 हजार नगर पालिका, 50 उच्च शिक्षा आदि एक दर्जन विभाग शामिल है। लेकिन इन विभागों ने निर्धारित लक्ष्य से भी आधे पौंधे लगाए। वर्जन
जनपद में योजना के तहत लाखों पौधे लगाए है। विभागों द्वारा लगाए गए पौधे को संरक्षित किया जा रहा है कि नहीं यह तो निरीक्षण के बाद ही पता चलेगा। लेकिन उन लोगों ने दिए गए लक्ष्य को पूरा कर लेने का आकड़ा दिया था।
--राकेश चौधरी प्रभागीय वनाधिकारी