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हसौली गांव में पीपल का पेड़ सामाजिक समरसता का दे रहा संदेश

जासं, जमालपुर(मीरजापुर): क्षेत्र के हसौली गांव स्थित विघ्न हरण हनुमत धाम मंदिर परिसर में स्थि

By JagranEdited By: Published: Sun, 24 Jun 2018 11:01 PM (IST)Updated: Sun, 24 Jun 2018 11:01 PM (IST)
हसौली गांव में पीपल का पेड़ सामाजिक समरसता का दे रहा संदेश
हसौली गांव में पीपल का पेड़ सामाजिक समरसता का दे रहा संदेश

जासं, जमालपुर(मीरजापुर): क्षेत्र के हसौली गांव स्थित विघ्न हरण हनुमत धाम मंदिर परिसर में स्थित पीपल का पेड़ करीब डेढ़ सौ वर्ष पुराना ग्रामीणों के लिए आस्था का केंद्र बन गया है। पीपल के वृक्ष पर शनि देव ने भी अपना डेरा जमा रखा है। ग्रामीण पूरे आस्था एवं विश्वास के साथ पूजन अर्चन प्रतिदिन कर है। प्रतिदिन गांव की महिलाएं पीपल एवं शनि देव की पूजा कर जल चढ़ाती हैं। शनिवार को महिलाएं वृक्ष का फेरी भी लगाती हैं। वही वृक्ष के नीचे ग्रामीण बैठकर अपनी छोटी-मोटी समस्याओं पर चर्चा भी करते रहते है। पीपल का वृक्ष पिछले कई दशकों से सामाजिक समरसता का संदेश दे रहा है।

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गरमी की दोपहरी में ग्रामीणों का जमावड़ा लगा रहता है एवं उधर से गुजरने वाले राहगीर भी पीपल की घनी छांव में बैठकर अपनी थकान दूर करते है। कितने मौसम गुजर गए, कितनी पीढि़या चली गई एवं कितने वर्ष बीत गए लेकिन पीपल का वृक्ष बिना द्वेष भाव से अपने नीचे बैठने वाले लोगों का ताप सैकड़ों वर्षो से हरता चला आ रहा है। पहले पेड़ के नीचे चबूतरा नहीं था लेकिन नीचे जुट रहे लोगों की आस्था के कारण ग्रामीणों ने आपसी जन सहयोग के माध्यम से पक्के चबूतरे का निर्माण करा दिया है। जिससे इस स्थान का महत्व और भी अधिक बढ़ गया। पीपल के वृक्ष की प्राचीनता के विषय में किसी भी ग्रामीण को जानकारी नहीं है। गांव के सबसे बुजुर्ग पचासी वर्षीय उमाशंकर दुबे ने बताया कि जब से होश संभाला है तभी से पीपल का वृक्ष आकाश चूमता दिखाई दे रहा है। महिलाएं भक्ति के साथ प्रसाद भी चढ़ाती हैं। गावं के अस्सी वर्षीय बुजुर्ग ग्रामीण रंगनाथ द्विवेदी ने बताया कि इस वृक्ष के नीचे ग्रामीणों ने अपनी अनेकों समस्याओं को सुलझाया है।पीपल के वृक्ष के नीचे हर समय मनोहारी हवा चलती रहती है। पीपल का वृक्ष सैकडों वर्षों से ग्रामीणों को शीतलता प्रदान कर रहा है।


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