लखनऊ में चीनी उत्पादों को चुनौती दे रहे विध्य क्षेत्र के माटी कलाकार
कमलेश्वर शरण मीरजापुर विध्य क्षेत्र के साथ ही प्रदेश भर के लोकल उत्पादों की मांग बजार म
कमलेश्वर शरण, मीरजापुर : विध्य क्षेत्र के साथ ही प्रदेश भर के लोकल उत्पादों की मांग बजार में बढ़ने लगी है। लोकल फार वोकल और आत्मनिर्भर भारत की राह पर बढ़ते यूपी के कदम इस दिवाली चीनी उत्पादों के लिए चुनौती साबित होंगे। मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने कुम्हारों के लिए जहां आर्थिक उन्नति की नई राह खोल दी है, वहीं स्थानीय उत्पादों का डंका विध्य क्षेत्र ही नहीं प्रदेश की राजधानी लखनऊ में भी बोल रहा है।
विध्य क्षेत्र के हुनरमंद कारीगर माटी की कला में कैसे चीनी तकनीक से बेहतर हैं, इसके लिए सरकार ने लखनऊ में माटी कला मेले के रूप में बड़ा मंच सजाया है। माटी कला बोर्ड की ओर से चार नवंबर से आयोजित माटी कला मेले के जरिए कद्रदान और खरीदार दोनों वर्षों पुरानी इस कला से रूबरू हो रहे हैं। यह मेला 13 नवंबर तक चलेगा। वैसे दीयों के बगैर तो दिवाली अधूरी रहती है। देवी लक्ष्मी के शुभ आगमन को प्रकाशित करने और घरों से नकारात्मक ऊर्जा को दूर भगाने के लिए दिवाली पर दीयों को खास तौर पर सजाया जाता है। इसको देखते हुए इस साल कुम्हारों ने दीयों की सुंदरता में चार चांद लगा दिया है। माटी कला में सफलता की इबारत गढ़ने वाले सुरेश प्रसाद व दुलारे प्रजापति पुत्र स्व. खरपच्चू निवासी दरगाह शरीफ स्टेशन रोड चुनार अपने उत्पाद के जरिए लखनऊ के मंच पर धूम मचा रहे हैं। एक से बढ़कर एक कलाकृतियों की खूबसूरती देखते बन रही है। कलाकार मिट्टी को अलग-अलग स्वरूप में डाल प्राण फूंक उसे जीवंत बनाने में लगे हैं। प्रतिभागी कला की बारीकियों से रूबरू होने के साथ ही प्रकृति, प्रेम, आस्था व एकता का महत्व बता रहे हैं। विध्य क्षेत्र के माटी कलाकार भारत की मिट्टी को खिलौना, दीया व गणेश-लक्ष्मी की प्रतिमा का आकार दे रहे हैं, जो लोगों को काफी आकर्षित कर रही है। जिला खादी ग्रामोद्योग अधिकारी जवाहर लाल ने बताया कि माटी कला मेला में मीरजापुर समेत कुशीनगर, आजमगढ़, बाराबंकी, बलिया, वाराणसी, उन्नाव, पीलीभीत, लखनऊ, अयोध्या, कानपुर, गोरखपुर, बुलंदशहर और प्रयागराज के शिल्पकार अपने उत्कृष्ट उत्पादों का जीवंत प्रदर्शन कर रहे हैं।
माटी कला के छोटे सामूहिक केंद्र बनाकर उन्हें सुविधा संपन्न कराने की दिशा में सरकार लगातार प्रयासरत है। इस तरह के आयोजन से न सिर्फ शिल्पकारों व कारीगरों को प्रोत्साहन मिलता है बल्कि उत्पादों का उत्कृष्ट प्रदर्शन करने के लिए मंच भी उपलब्ध होता है।
- जवाहर लाल, खादी ग्रामोद्योग अधिकारी, मीरजापुर