मालवीय सुगंधा एचयूआर 917 से महकेगी विध्यनगरी
जागरण संवाददाता मीरजापुर मालवीय सुगंधा एचयूआर 917 धान से जल्द ही विध्यनगरी महकेगी। किसान
जागरण संवाददाता, मीरजापुर : मालवीय सुगंधा एचयूआर 917 धान से जल्द ही विध्यनगरी महकेगी। किसानों की आय दोगुनी करने को लेकर सरकार गंभीर है। इसके लिए कृषि विभाग और वैज्ञानिक उन्नत किस्म के बीज मुहैया करा रहे हैं। उप निदेशक कृषि डा. अशोक उपाध्याय ने बताया कि वर्ष 2021-22 में खरीफ फसल धान की मालवीय सुगंधा एचयूआर -917, सीओ -51, सीयाट्स-1, पीआर-121 जो 10 वर्ष से कम की प्रजाति है, पर मूल्य का 50 फीसद अथवा अधिकतम 20 रुपया प्रति किग्रा अनुदान दिया जा रहा है। मालवीय सुगंधा एचयूआर-917 135 से 140 दिन की है। उत्पादन 50-55 कुंतल/हेक्टेअर होता है। दाना छोटा मध्यम एवं सुगंधित होता है। उप निदेशक ने बताया कि धान पंत-24, एनडीआर-2065, एमटीयू-7029 एवं सरजू-52 जो 10 वर्ष से ऊपर की प्रजाति है पर 10 रुपया प्रति किग्रा अनुदान देय है। अनुदान डीबीटी के माध्यम से किसानों के खाते में सीधे भेजी जाएगी। जनपद में 692.10 कुंतल धान का बीज प्राप्त हो गया है। बीज सभी राजकीय कृषि बीज भंडारों पर भेजा जा चुका है। वितरण राजकीय कृषि बीज गोदामों से किया जा रहा है। खरीफ 2021-22 में धान बीज की मोटी प्रजाति (सीओ -51, एनडीआर-2065, सरजू-52, पंत-24, पीआर-121, एमटीयू-7029) का प्रमाणित बीज बिक्री दर 3480 रुपया प्रति कुंतल तथा आधारीय बीज बिक्री दर 3580 रुपया प्रति कुंतल है। महनी प्रजाति सियाट्स-1 का प्रमाणित बीज बिक्री दर 3510 रुपया प्रति कुंतल तथा आधारीय बीज बिक्री दर 3610 रुपया प्रति कुंतल तथा मालवीय सुगंधा-917 प्रजाति प्रमाणित बीज बिक्री दर 4380 कुंतल एवं आधारीय बीज बिक्री दर 4480 रुपया प्रति कुंतल अनुदान देय है। सीओ 51 सीधी बुवाई में 50 किग्रा प्रति हेक्टेअर की उपज राजकीय बीज गोदामों पर 105 से 110 दिन सीओ 51 मोटी प्रजाति का है। इसका बीज दर 30 किग्रा/हेक्टेअर एवं सीधी बुवाई में 40 से 50 किग्रा/हेक्टेअर है। उत्पादन 50-60 कुंतल प्रति हेक्टेअर है। एनडीआर-2065 की अवधि 120 से 125 दिन की है। उत्पादन 55 से 60 कुंतल/हेक्टेअर है। दाना लम्बा मोटा तथा सफेद होता है। सीयाट्स-1 प्रजाति की अवधि 125 से 130 दिन व उत्पादन 40 से 45 कुंतल/हेक्टेअर है। दाना लम्बा व महीन होता है। उप कृषि निदेशक अशोक उपाध्याय ने बताया कि धान के बीजों की नर्सरी डालने के बाद 20-25 दिन बाद रोपाई कर सकते है। खेत के क्षेत्रफल के 1/20 भाग में नर्सरी डाल सकते है।