मिलरों को धान भेजने व सीएमआर की जांच करेंगे मजिस्ट्रेट
सख्ती - 85 फीसद से कम मिल को धान भेजने वाले केंद्रों की होगी जांच - परिचित मिलरों को अधिक धा
सख्ती
- 85 फीसद से कम मिल को धान भेजने वाले केंद्रों की होगी जांच
- परिचित मिलरों को अधिक धान की आपूर्ति नहीं कर पाएंगे प्रभारी जागरण संवाददाता, मीरजापुर : खरीफ विपणन वर्ष 2020-21 में खरीद के साथ ही मिलरों को धान भेजने पर भी शासन द्वारा विशेष नजर रखी जा रही है। क्रय केंद्र प्रभारी अब अपने परिचित व खास मिलरों को अधिक धान कुटाई के लिए नहीं दे पाएंगे। अपर आयुक्त खाद्य व रसद विभाग अनिल कुमार ने जिलाधिकारी को धान प्रेषण व सीएमआर संप्रदान की जांच मजिस्ट्रेट से कराने का निर्देश दिया है। शासन के निर्देशानुसार चावल मिलों को उनकी क्षमता के अनुसार धान का समानुपातिक प्रेषण नहीं करने पर नाराजगी जताया है। अब तक मिल को 85 फीसद से कम धान का प्रेषण और सीएमआर संप्रदान करने वाले केंद्रों और उनसे संबद्ध चावल मिलों की जांच मजिस्ट्रेट की अध्यक्षता में समिति द्वारा की जाएगी।
शासन द्वारा जारी निर्देश के अनुसार संबद्ध मिल पर जिन केंद्रों से अप्रत्याशित व अत्यधिक मात्रा में धान भेजा जा रहा है। ऐसे केंद्रों की जांच करते हुए चिहित करने का निर्देश दिया गया है। अपर आयुक्त ने कहा कि संबद्ध मिल पर केंद्र विशेष से मिल को धान की अप्रत्याशित डिलेवरी क्यों है, जबकि उसी मिल से संबद्ध अन्य केंद्रों से धान की डिलेवरी नाम मात्र की हो रही है। इसके लिए लगातार नजर रखी जाए। अपर आयुक्त ने कहा कि आवश्यकता पड़ने पर शासन द्वारा भी जांच कराई जा सकती है। जिला खाद्य व विपणन अधिकारी धनंजय सिंह ने कहा कि सभी क्रय केंद्र प्रभारी शासन द्वारा निर्धारित मानक के अनुरूप ही धान मिलों को भेजे और सीएमआर संप्रदान कराए, इसमें किसी प्रकार की लापरवाही क्षम्य नहीं होगी।