लॉकडाउन-4 का आज अंतिम दिन, आगे भी रहें तैयार
कोरोना जैसी वैश्विक महामारी से बचाव के लिए जारी किए गए देशव्यापी लॉकडाउन को रविवार को 6
जागरण संवाददाता, मीरजापुर : कोरोना जैसी वैश्विक महामारी से बचाव के लिए जारी किए गए देशव्यापी लॉकडाउन को रविवार को 68 दिन पूरे हो जाएंगे। दो महीने से ज्यादा वक्त के बाद लॉकडाउन-5 की भी तैयारी है। संभव है कि सख्त नियमों के साथ आम जनजीवन सामान्य हो जाए। जिला प्रशासन द्वारा इसकी तैयारी की जा रही है और जारी होने वाले गाइडलाइन का इंतजार किया जा रहा है।
लॉकडाउन बीते 24-25 मार्च की मध्य रात्रि से पहले 21 दिनों के लिए लागू किया गया। इस दौरान जनपद की जनता ने अभूतपूर्व संयम दिखाया और सड़कें, गलियां, गांव के सार्वजनिक स्थान सभी सूने-सूने नजर आए। खेत-खलिहान में भी कोई दिखाई नहीं देता था। दुकानें बंद होने से बाजार सूने हो गए। इस बीच कुछ लोगों ने डोर-टू-डोर सब्जियों की आपूर्ति शुरू की जिससे लोगों को राहत मिलने लगी और लोग कोरोना से बचने के इस उपाय का पालन करने लगे। फिर लॉकडाउन-दो भी आया और पहले की तरह ही सख्ती बरकरार रही। लॉकडाउन तीन शुरू हुआ तो कुछ आवश्वक सामानों की दुकानें खोलने की सशर्त अनुमति दी गई। आम लोगों को हालांकि मेडिकल सुविधाएं जारी रखी गईं ताकि कोई समस्या न हो। फिर कई रियायतों के साथ लॉकडाउन-4 आया और धीरे-धीरे आम जिदगी पटरी पर आनी शुरू हो गई। आवाजाही में छूट मिली, समय से बाजार व दुकानें खुलने लगे। हालांकि इस बीच शारीरिक दूरी का पालन करना, मास्क लगाकर बाहर निकलना और सैनिटाइजर का प्रयोग जीवन का आवश्यक हिस्सा बन गया। लोगों को राहत तो मिली लेकिन कोरोना संक्रमित मरीजों की संख्या ने चिता बढ़ा दी।
क्या खोया, क्या पाया
लॉकडाउन में आम लोगों की जिदगी बंधकर रह गई। नौकरी करने वाले घरों पर बैठ गए। स्कूल, कालेज बंद होने से छात्रों को भी घर पर रहना पड़ा। गाड़ियां बंद होने से ट्रांसपोर्टेशन व्यवस्था ध्वस्त हो गई। व्यापार, उद्योग, प्रतिष्ठान बंद होने से मालिक सहित श्रमिकों तक को परेशानी झेलनी पड़ी। इन तमाम मुश्किलों के बाद भी आम लोगों को सुकून के कुछ दिन जरुर मिले। डा. सुनील सिंह बताते हैं कि बहुत से लोगों ने लॉकडाउन को अवसर माना और कई बुरी आदतों से छुटकारा पा लिया। साफ-सफाई से रहने, सादा भोजन करने और मास्क का प्रयोग करने की अच्छी आदतें अब लोगों की जिदगी का हिस्सा हैं।
सब्र ने तोड़ा लॉकडाउन
प्रदेश सरकार की घोषणा के बाद जैसे ही आबकारी की शराब दुकानें खुलीं, लॉकडाउन उसी दिन से बौना साबित होने लगा। शराब की दुकानों पर पहले दिन की मारामारी ने लॉकडाउन की पाबंदियों को पीछे छोड़ दिया। इसके बाद कई मौकों पर लोग बाहर निकलने लगे। वहीं सरकार द्वारा महिला जनधन खाते में ट्रांसफर की गई रकम निकालने के लिए महिलाओं ने लॉकडाउन का पालन नहीं किया। लिहाजा बैंक, ग्राहक सेवा केंद्रों पर बेतहाशा भीड़ जुटने लगी। पुलिस व प्रशासन को इसके लिए काफी मशक्कत करनी पड़ी और बैंक व शराब की दुकानों सहित मेडिकल स्टोर व अन्य दुकानों पर गोले बनाने पड़े ताकि लोग शारीरिक दूरी का पालन सुनिश्चित करें। लोगों की प्रतिक्रिया
कोरोना से बचाव के लिए लॉकडाउन लगाना जरुरी था। आम जनता ने जो धैर्य दिखाया वह वाकई काबिलेतारीफ रहा।
- अनूप शुक्ला, प्रोफेशनल
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शुरूआती दिनों में तो समझ ही नहीं आता था कि करना क्या है। अब धीरे-धीरे सब सामान्य हो रहा है और होना भी चाहिए।
- राजेश सिंह दाढ़ी, व्यवसायी
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सच पूछिए तो हम सभी अब कोरोना के साथ ही आगे बढ़ना है, इसलिए सभी जरुरी बातें याद रखनी होगी। पालन करना होगा।
- डा. राजन श्रीवास्तव, चिकित्सक
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बच्चों की शिक्षा पूरी तरह से अवरुद्ध हो गई है। आनलाइन व्यवस्था सबके लिए उपलब्ध नहीं है। इस पर विचार करना चाहिए।
- पूनम द्विवेदी, शिक्षिका