वार्षिक श्रृंगार के लिए खुला अदलपुरा मंदिर का कपाट
क्षेत्र के शीतलाधाम अदलपुरा में यहां के पुजारियों द्वारा मातारानी के परंपरागत वार्षिक श्रृंगार के लिए गर्भ गृह के कपाट शुक्रवार की शाम चार बजे बंद कर दिए गए। विधिवत श्रृंगार व आरती के बाद रात्रि नौ बजे कपाट खोला गया। दर्शन के लिए लालायित भक्तों की कतार लगनी शुरू हो गई थी।
(मीरजापुर) : क्षेत्र के शीतलाधाम अदलपुरा में यहां के पुजारियों द्वारा मातारानी के परंपरागत वार्षिक श्रृंगार के लिए गर्भ गृह के कपाट शुक्रवार की शाम चार बजे बंद कर दिए गए। विधिवत श्रृंगार व आरती के बाद रात्रि नौ बजे कपाट खोला गया। दर्शन के लिए लालायित भक्तों की कतार लगनी शुरू हो गई थी। वार्षिक श्रृंगार के दर्शन के लिए धाम में भक्तों की भारी संख्या में जुटान होती रही। दूर दराज से आए दर्शनार्थी वार्षिक श्रृंगार के बाद मां का एक झलक से अपने को धन्य हुए।
मातारानी के वर्तमान के प्रधान पुजारी बेचन ने बताया कि वार्षिक श्रृंगार के लिए पूरे मंदिर की विधिवत सफाई के बाद विशेष रूप से मां का श्रृंगार किया जाता है। विभिन्न तरह के फूलों से पूरे गर्भ गृह को आकर्षक तरीके से सजाया जाता है, 56 प्रकार के व्यंजन का भोग लगाया जाता है। नारियल, चुनरी, घुघुरी, बतासा, हलुआ पूड़ी आवश्यक रूप से भोग में रहता है। ये पूजन व श्रृंगार वर्ष में एक बार चैत्र नवरात्रि के अष्टमी की रात्रि में वर्षों से होता आ रहा है।
उन्होंने बताया कि माता अपने भक्तों को धन धान्य से परिपूर्ण कर सभी प्रकार के रोगों से दूर रखती हैं। माता के दरबार में जो सच्चे मन से शीश झुकाता है उसकी मुरादें पूरी हो जाती हैं।
लो वोल्टेज से परेशानी
धाम में लो वोल्टेज की समस्या से दर्शनार्थियों के साथ ही स्थानीय निवासियों को परेशानी का सामना करना पड़ रहा है। जिसके चलते मेला क्षेत्र में पीने के पानी की दिक्कत पैदा हो रही है। क्षतिग्रस्त मार्ग से श्रद्धालु परेशान
शीतला धाम तक पहुंचने के लिए अदलपुरा चौराहा से जाने वाली सड़क के दुर्दशा ग्रस्त होने से श्रद्धालुओं को भारी मुश्किल का सामना करना पड़ रहा है। मार्ग में बने गड्ढों में हिचखोले खाते वाहन परेशानी का शबब बने हैं।