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तीन साल में 60 लोगों ने सड़क हादसे में गंवाई जान, 300 हुए घायल

जागरण संवाददाता मीरजापुर ठंड के मौसम के साथ ही हादसों का दौर भी शुरू हो गया है। क

By JagranEdited By: Published: Mon, 23 Nov 2020 08:58 PM (IST)Updated: Mon, 23 Nov 2020 08:58 PM (IST)
तीन साल में 60 लोगों ने सड़क हादसे में गंवाई जान, 300 हुए घायल
तीन साल में 60 लोगों ने सड़क हादसे में गंवाई जान, 300 हुए घायल

जागरण संवाददाता, मीरजापुर : ठंड के मौसम के साथ ही हादसों का दौर भी शुरू हो गया है। कभी कोहरे तो कभी सड़कें खराब होने के कारण दुर्घटनाएं होने लगी हैं। इन हादसों में अधिकांश लोगों की जान चली जाती है जबकि घायल शारीरिक रूप से विकलांग हो जाते हैं। फिर भी लोग इन हादसों से सीख नहीं लेते हैं। उसी पुराने ढर्रे पर चलते रहते हैं। सड़क हादसों के बाद लोग खुद की लापरवाही को कोसते हैं। साथ ही अधिकारी भी सुधार लाने की बात करने लगते हैं। कुछ दिनों बाद सभी इसे भूल जाते हैं और हालात यथावत बने रहते हैं।

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हर साल नवंबर महीने में पुलिस और आरटीओ विभाग की ओर से यातायात माह व सड़क सुरक्षा अभियान चलाया जाता है। विविध कार्यक्रम आयोजित कर यातायात के नियमों के बारे में लोगों को जानकारी देते हैं। पंफलेट बांटकर लोगों को जागरूक करने का प्रयास करते हैं, ताकि सड़क हादसों में कमी लाई जा सके, लेकिन जब सड़क हादसे के आकड़ों पर गौर किया जाए तो उनके यह सारे प्रयास विफल हो जाते हैं। पिछले तीन साल के अंदर जनपद में देखा जाए तो 60 लोगों की सड़क हादसे में मौत हो गई है जबकि 300 से अधिक लोग घायल हुए हैं। इनमें सबसे अधिक मौत युवाओं की हुई है। हादसों के पीछे यातायात नियमों की अनदेखी करने के साथ ही सड़कों का बदहाल होना है। इसके अलावा कोहरे के चलते भी हादसे होते रहते हैं। ---

किसी भी हादसे को कम करने में सड़कों का बहुत बड़ा रोल होता है। सड़कें अच्छी होंगी तो लोग सफर भी अच्छी तरह से करेंगे। हादसे भी कम होंगे, लेकिन अगर सड़कें खराब होंगी तो उसमें सफर के दौरान दुर्घटना होने की संभावना अधिक रहती है। जिले से एनएच सात, 76 व जीटीरोड गुजरी है। इसके अलावा स्टेट हाइवे की 100 से अधिक सड़कें हैं। ग्रामीण इलाकों में भी एक हजार से अधिक सड़कें हैं जिन पर प्रतिदिन हजारों वाहन फर्राटा भरते हुए दिखाई देते हैं। इसमें ने किसी न किसी सड़क पर प्रतिदिन हादसे होते रहते हैं । इसका मुख्य कारण सड़क खराब होना व यातायात का पालन न करना शामिल है। ये हैं हादसा जोन

मीरजापुर पहाड़ी क्षेत्र होने के कारण इस क्षेत्र में कोहरा अधिक पड़ता है। सबसे अधिक मीरजापुर के अहरौरा, अदलहाट, चुनार, मड़िहान, चील्ह, जिगना, ड्रमंडगंज के अलावा लालगंज, लहंगपुर, करनपुर, व पड़री क्षेत्र शामिल है।

वर्जन

सड़क हादसे रोकने के लिए पूरा प्रयास किया जाता है। लोगों को यातायात के नियम बताए जाते हैं। उसका पालन कराने की पूरी कोशिश की जाती है, लेकिन लोग लापरवाही बरतते हैं जिससे दुर्घटनाएं होती हैं।

अजय कुमार राय क्षेत्राधिकारी यातायात


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