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मौसम की लुकाछिपी व प्रदूषण का असर, धान कटाई प्रभावित

बढ़ते प्रदूषण की वजह से मौसम की लुकाछिपी जारी है। जनपद का क्यूआई इंडेक्स 250 के आसपास ठहरा हुआ है जो अन्य प्रदूषित शहरों से कुछ ही कम है। आसमान में रह-रहकर छा रहे काले बादलों की वजह से धान की कटाई सटकाई पर भी प्रभाव पड़ा है।

By JagranEdited By: Published: Fri, 15 Nov 2019 06:57 PM (IST)Updated: Fri, 15 Nov 2019 10:36 PM (IST)
मौसम की लुकाछिपी व प्रदूषण  का असर, धान कटाई प्रभावित
मौसम की लुकाछिपी व प्रदूषण का असर, धान कटाई प्रभावित

जागरण संवाददाता, मीरजापुर : बढ़ते प्रदूषण की वजह से मौसम की लुकाछिपी जारी है। जनपद का क्यूआई इंडेक्स 250 के आसपास ठहरा हुआ है जो अन्य प्रदूषित शहरों से कुछ ही कम है। आसमान में रह-रहकर छा रहे काले बादलों की वजह से धान की कटाई, सटकाई पर भी प्रभाव पड़ा है। धान की फसल ठीक से न सूखने के कारण सटकाई नहीं हो पा रही है। खेतों में ज्यादा नमी के कारण रबी की फसल की बुआई अभी शुरू नहीं हो सकी है।

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वर्तमान में जिले का एयर क्वालिटी इंडेक्स 250 के आसपास के पहुंच गया है। जबकि 50 एक्यूआई तक ही यह अच्छा माना जाता है। जबकि एक्यूआई 100 भी प्रदूषण के लिहाज से खतरनाक नहीं होता। इससे उपर की स्थिति खराब है। बढ़ते प्रदूषण का ही असर है कि सुबह और शाम की धुंध में सांस लेना मुश्किल होता है। मंडलीय चिकित्सालय के डा. सुनील सिंह ने बताया कि इस समय मौसम में बदलाव हो रहा है और सुबह के समय फाग जैसी स्थिति रहती है। यह सांस के रोगियों के लिए ठीक नहीं होता इसलिए सुबह व शाम घर से बाहर न निकलने में ही भलाई है। प्रदूषण का असर खेती-किसानी पर भी पड़ रहा है और रबी की बुआई करीब 15 दिन पिछड़ चुकी है। खेतों में नमी बरकरार है जिसकी वजह से धान की कटाई में देरी हो रही है। किसान नारायणी सिंह ने बताया कि गेहूं सहित आलू, मटर की खेती क्षेत्र में बहुतायत की जाती है लेकिन मौसम की वजह से अभी बुआई नहीं हो पा रही। वहीं किसान अशोक पटेल ने बताया कि इस मौसम की सब्जियां भी मौसम की वजह से लेट हो गई हैं और यही कारण है कि पालक तक 40 रुपये किलो बिक रहा है।


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