Move to Jagran APP

संरक्षा नियमों की अनदेखी कर संचालित हो रहे होटल व लाज

कहीं कोई दुर्घटना होने के बाद प्रशासन कुछ दिन जागता है और कुछ देर तक हल्ला मचाने के बाद पुन शांत हो जाता है। लेकिन घटना में भुक्तभोगी और उसके परिजनों के उपर हमेशा क्या बीतती है यह कोई नहीं जानता है।सूरत में कोचिग सेंटर में अग्निकांड में बच्चों की दुखद मौत से पूरा देश मर्माहत है। बावजूद इसके सरकारी मशीनरी और होटल संचालकों पर कोई असर नहीं पड़ रहा है। कोचिग सेंटर तो नहीं लेकिन जनपद में ऐसे कई होटल और लाज मिल जाएंगे जिनमें संरक्षा नियमों की अनदेखी जा रही है। सुंदरता के लिए होटलों को कांच से ढ़क दिया गया है तो कई होटलों में प्रवेश के लिए महज एक द्वार है जिससे कोई दुर्घटना होने पर बचाव व राहत दल को पहुंचना संभव नहीं होगा। कई होटलों में तो आग लगने के दौरान बचाव के उपकरण भी नहीं लगाए गए हैं।

By JagranEdited By: Published: Mon, 27 May 2019 09:08 PM (IST)Updated: Mon, 27 May 2019 10:51 PM (IST)
संरक्षा नियमों की अनदेखी कर संचालित हो रहे होटल व लाज
संरक्षा नियमों की अनदेखी कर संचालित हो रहे होटल व लाज

जागरण संवाददाता, मीरजापुर : कहीं कोई दुर्घटना होने के बाद प्रशासन कुछ दिन जागता है और कुछ देर तक हल्ला मचाने के बाद पुन: शांत हो जाता है। लेकिन घटना में भुक्तभोगी और उसके परिजनों के ऊपर हमेशा क्या बितती है, यह कोई नहीं जानता है। सूरत में कोचिग सेंटर में अग्निकांड में बच्चों की दुखद मौत से पूरा देश मर्माहत है। बावजूद इसके सरकारी मशीनरी और होटल संचालकों पर कोई असर नहीं पड़ रहा है। कोचिग सेंटर तो नहीं लेकिन जनपद में ऐसे कई होटल और लाज मिल जाएंगे, जिनमें संरक्षा नियमों की अनदेखी जा रही है। सुंदरता के लिए होटलों को कांच से ढ़क दिया गया है तो कई होटलों में प्रवेश के लिए महज एक द्वार है, जिससे कोई दुर्घटना होने पर बचाव व राहत दल को पहुंचना संभव नहीं होगा। कई होटलों में तो आग लगने के दौरान बचाव के उपकरण भी नहीं लगाए गए हैं।

loksabha election banner

नगर पालिका परिषद क्षेत्र में नियमों की अनदेखी करके कई लाज, होटल और मैरेज हालों बन गए हैं। कुछ लोग तो बाकायदा घरों को ही लाज और होटल में परिवर्तित कर संचालित कर रहे हैं। नगर क्षेत्र व विध्याचल में भी कई घर होटल और लाज में परिवर्तित हो गए हैं, जिनका जिला प्रशासन और नगरपालिका के पास कोई विवरण नहीं है। नगर पालिका से लाइसेंस लेने के बाद ही पर्यटन विभाग द्वारा मंजूरी दी जाती है और फायर ब्रिगेड एनओसी जारी करता है। नगर पालिका के लाइसेंस प्रभारी अश्वनी श्रीवास्तव की मानें तो महज 15 लोगों ने होटल व लाज के लिए लाइसेंस लिया है। सौंदर्यीकरण के चक्कर में संचालकों ने होटल व लाज को आगे से पूरी तरह पैक भी कर दिया है। होटल में आग लगने की स्थिति में फायर ब्रिगेड के जवान अंदर भी नहीं पहुंच सकेंगे।

-------

वर्जन

नगर पालिका क्षेत्र में होटल व लाज खोलने से पूर्व मानक को पूरा करते हुए विभाग से लाइसेंस लेना अनिवार्य है। यदि किसी होटल या लाज संचालक द्वारा लाइसेंस नहीं लिया गया है तो संबंधित के खिलाफ जांच कराकर कार्रवाई की जाएगी।

- विनय तिवारी, अधिशासी अधिकारी, मीरजापुर।

लोकसभा चुनाव और क्रिकेट से संबंधित अपडेट पाने के लिए डाउनलोड करें जागरण एप


Jagran.com अब whatsapp चैनल पर भी उपलब्ध है। आज ही फॉलो करें और पाएं महत्वपूर्ण खबरेंWhatsApp चैनल से जुड़ें
This website uses cookies or similar technologies to enhance your browsing experience and provide personalized recommendations. By continuing to use our website, you agree to our Privacy Policy and Cookie Policy.