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एचआइवी पीड़ित दंपती लाचार, सीएम से गुहार

जासं, मीरजापुर : एचआइवी पीड़ित दंपति के पास इलाज के लिए धन नहीं है। पति की हालत नाजुक बनी हुई है। महि

By JagranEdited By: Published: Thu, 31 May 2018 05:10 PM (IST)Updated: Thu, 31 May 2018 05:10 PM (IST)
एचआइवी पीड़ित दंपती लाचार, सीएम से गुहार
एचआइवी पीड़ित दंपती लाचार, सीएम से गुहार

जासं, मीरजापुर : एचआइवी पीड़ित दंपति के पास इलाज के लिए धन नहीं है। पति की हालत नाजुक बनी हुई है। महिला ने मुख्यमंत्री के पोर्टल पर आवेदन कर इलाज के लिए आर्थिक सहायता मुहैया कराने की गुहार लगाई है।

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एचआइवी पीड़ित यह दंपति छानबे क्षेत्र के श्रीनिवासधाम इलाके का निवासी हैं। यह दंपति कब कैसे एचआइवी की चपेट में आ गया। इसकी जानकारी नहीं है, लेकिन अब इलाज के लिए उसके पास धन नहीं है। जब तक उसके पास रुपये थे, उसने इलाज कराया यहां तक कि आभूषण व घर के कीमती सामान तक बेच कर जीवन बचाने का प्रयास किया। लेकिन अब आर्थिक स्थिति खराब होने से इलाज कराना मुश्किल हो रहा है। उसने अधिकारियों से लेकर मुख्यमंत्री तक गुहार लगा चुकी है, लेकिन अभी तक उसको किसी प्रकार की सहायता नहीं मिल पाई है।

इस महिला का दुर्भाग्य कहें या विधना का विधान की उसकी शादी पहले वर्तमान पति के बड़े भाई से हुई थी। उसका बड़ा भाई ट्रक का चालक था। वह भी एड्स से पीड़ित था जिससे वह असमय काल के गाल में समा गया। तब तक किसी को यह जानकारी नहीं थी कि एचआईवी के कारण उसकी मौत हुई है। भाई की मौत के बाद छोटे भाई ने भाभी से शादी कर ली। भाभी से शादी करने के बाद वह भी एचआइवी से ग्रसित हो गया। काफी इलाज के बाद जब उसका स्वास्थ्य ठीक नहीं हुआ तो उसकी जांच कराई गई तब पता चला कि वह एचआइवी से पीड़ित है।

इसके बाद आशंका होने पर महिला का भी जांच कराया गया तो वह भी एचआइवी ग्रसित निकली। उसको दो बच्चे हैं। इन बच्चों की जांच कराई तो बच्चे ठीक -ठाक हैं। वे इस जानलेवा बीमारी से दूर हैं। यह दंपती कब कैसे इस बीमारी की चपेट में आ गए यह जांच का विषय है, लेकिन उसके पति को आर्थिक सहयोग की जरूरत है। उसको मदद नहीं मिल रही है। वर्जन ...

महिला ने मुख्यमंत्री के पोर्टल पर आर्थिक सहायता की गुहार लगाई है। उसका निस्तारण करने के लिए यह मामला उसके पास आया था। मामले की छानबीन की गई तो महिला ने पति के इलाज के लिए आवेदन किया है। यदि महिला के इलाज की बात होती तो उसके विभाग से आर्थिक मदद हो सकती थी, लेकिन पुरूष का मामला होने के कारण वे चाहते हुए भी विभागीय सहयोग नहीं का पा रहे है। उनके हाथ नियम कानून से बधे हुए हैं।

- डा. अमरेंद्र कुमार पौत्स्यायन, जिला प्रोबेशन अधिकारी मीरजापुर।


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