आंदोलन के मूड में सरकारी चिकित्सक
सरकारी चिकित्सकों ने प्रशासनिक असंवेदनशीलता का हवाला देते हुए आंदोलन की चेतावनी दी है। सोमवार को चिकित्सकों ने बैठक कर अपनी मांग रखीं और आगे की रणनीति पर विचार विमर्श किया। चिकित्सकों की मांग है कि सातवें वेतनमान के क्रम में उन्हें मूल वेतन का 35 फीसद प्रैक्टिस बंदी भत्ता देने की मांग उठाई।
जागरण संवाददाता, मीरजापुर : सरकारी चिकित्सकों ने प्रशासनिक असंवेदनशीलता का हवाला देते हुए आंदोलन की चेतावनी दी है। सोमवार को चिकित्सकों ने बैठक कर अपनी मांग रखीं और आगे की रणनीति पर विचार विमर्श किया। चिकित्सकों की मांग है कि सातवें वेतनमान के क्रम में उन्हें मूल वेतन का 35 फीसद प्रैक्टिस बंदी भत्ता दिया जाए।
प्रो¨वसियल मेडिकल सर्विसेस एसोसिएशन के डा. वीएस राय व डा. मुकेश प्रसाद ने बताया कि वर्षों से विभागीय प्रोन्नतियां लंबित हैं। जबकि विभिन्न स्तर पर पात्र चिकित्सकों की भरमार है। इसलिए स्वास्थ्य सेवा संवर्ग व दंत संवर्ग के सभी स्तरों पर तत्काल प्रोन्नति की जाए। ग्रामीण भत्ता मूल वेतन का 25 फीसद हो। कार्य के घंटे निर्धारित किए जाएं, राजपत्रित अवकाश में केवल इमरजेंसी सेवाएं ही चालू रखी जाएं। सेवानिवृत्ति की आयु 60 से बढ़ाकर 62 करने जैसी प्रमुख मांगें हैं। यदि प्रशासन इन मांगों पर गंभीरता से ध्यान नहीं देता तो हमें आंदोलन करना पड़ेगा। इस अवसर पर डा. एनके श्रीवास्तव, डा. केपी श्रीवास्तव, डा. राजन आदि लोग उपस्थित रहे।