Move to Jagran APP

डिजिटल इंडिया की सौगात, गांवों में बैंक अब आपके द्वार

- बैंक सखी बनेंगी राष्ट्रीय ग्रामीण आजीविका के स्वयं सहायता समूह की महिलाएं जागरण विशेष

By JagranEdited By: Published: Mon, 04 Jan 2021 07:10 PM (IST)Updated: Mon, 04 Jan 2021 07:10 PM (IST)
डिजिटल इंडिया की सौगात, गांवों में बैंक अब आपके द्वार
डिजिटल इंडिया की सौगात, गांवों में बैंक अब आपके द्वार

- बैंक सखी बनेंगी राष्ट्रीय ग्रामीण आजीविका के स्वयं सहायता समूह की महिलाएं

loksabha election banner

जागरण विशेष

-लेनदेन की प्रक्रिया पूरी तरह से डिजिटल होने के कारण होगी पारदर्शी

- समूह की महिलाओं को कार्य करने का दिया जाएगा विशेष प्रशिक्षण जागरण संवाददाता, मीरजापुर : सरकार की डिजिटल इंडिया की मुहिम ने लोगों के जीवन को काफी आसान बना दिया है। अब घर बैठे रोजगार की चाह भी पूरी हो रही है। डिजिटल इंडिया की ही देन है कि आगामी 2021 में हर गांव में लोगों के घरों तक बैंक और उसकी सेवाएं पहुंचेंगी। लेनदेन की प्रक्रिया पूरी तरह से डिजिटल होने के कारण पारदर्शी रहेगी। इसके लिए बैंक द्वारा स्वयं सहायता समूह की महिलाओं को आगामी दिनों में विशेष प्रशिक्षण दिया जाएगा।

राष्ट्रीय ग्रामीण आजीविका मिशन के समूह की महिलाएं सरकार की महत्वाकांक्षी योजनाओं को मूर्तरूप देने में जुट गई हैं। शासन-प्रशासन द्वारा महत्वाकांक्षी योजना के तहत समूह की महिलाओं को बैंकिग कारेस्पांडेंट सखी (बीसी सखी) बनाकर रोजगार का एक बेहतर अवसर प्रदान करने जा रहा है। जनपद के 12 ब्लाक के 809 गांवों में लगभग 809 स्वयं सहायता समूह की महिलाओं को रोजगार मिलने जा रहा है। वर्तमान समय में जनपद में 8902 समूह सक्रिय रूप से कार्य कर रहे हैं, इसमें लगभग 90 हजार महिलाएं सक्रिय भागीदारी कर रही हैं। समूह की महिलाओं के बीसी बनने से ग्रामीणों को बैंक नहीं जाना पड़ेगा। महिलाओं को इसमें कमीशन दिया जाएगा, इससे महिलाओं को गांव में ही रोजगार मिलने से स्वावलंबी बन सकेंगी।

--------

एनआरएलएम के स्वयं सहायता समूह की महिलाओं द्वारा बैंकिग कारेस्पांडेंट सखी (बीसी सखी) बनने से काफी लाभ होगा। अब ग्रामीणों के घर पर ही बैंक पहुंचेगा। बीसी द्वारा धन की जमा-निकासी, खाता खोलना, फिक्स करना आदि कार्य अब बीसी द्वारा आसानी से किया जाएगा।

- कुमार अजय, एलडीएम।

-----------

राष्ट्रीय ग्रामीण आजीविका मिशन के तहत गांवों में ही लोगों को रोजगार के अवसर मुहैया कराया जा रहा है। बैंकिग कारेस्पांडेंट सखी (बीसी सखी) योजना से महिलाएं स्वावलंबी और आत्मनिर्भर बनेंगी। ग्रामीणों को भी बैंकिग सुविधा घर बैठे आसानी से मिल सकेगी।

- डा. घनश्याम प्रसाद, उपायुक्त स्वत: रोजगार।


Jagran.com अब whatsapp चैनल पर भी उपलब्ध है। आज ही फॉलो करें और पाएं महत्वपूर्ण खबरेंWhatsApp चैनल से जुड़ें
This website uses cookies or similar technologies to enhance your browsing experience and provide personalized recommendations. By continuing to use our website, you agree to our Privacy Policy and Cookie Policy.