आरटीआइ के तहत सूचना प्राप्त करना साबित हो रहा टेढ़ी खीर
सूचना के अधिकार अधिनियम के प्रति अधिकारियों की नकारात्मक सोच के कारण सूचना प्राप्त करना टेढ़ी खीर साबित हो रही है। सूचना प्राप्त करने वाले लोगों को अधिकारियों की गणेश परिक्रमा करने के बाद भी निराशा ही हाथ लग रही है।
जागरण संवाददाता, जमालपुर (मीरजापुर) : सूचना के अधिकार अधिनियम के प्रति अधिकारियों की नकारात्मक सोच के कारण सूचना प्राप्त करना टेढ़ी खीर साबित हो रही है। सूचना प्राप्त करने वाले लोगों को अधिकारियों की गणेश परिक्रमा करने के बाद भी निराशा ही हाथ लग रही है। विकास खंड के पिडखिर गांव निवासी सुमित कुमार पटेल ने 28 सितंबर 2019 को जिला पंचायत राज अधिकारी कार्यालय से ग्राम पंचायत के विकास कार्यों की जानकारी सूचना के अधिकार अधिनियम के तहत मांगी थी। कई माह बीत जाने के बाद भी अधिकारियों ने सूचना प्रदान करने की जहमत नहीं उठाई।
सुमित ने जनसूचना का अधिकार अधिनियम के तहत जिला पंचायत राज अधिकारी से ग्राम पंचायत पिडखिर के ग्राम निधि प्रथम कोष बही रजिस्टर की दिनांक 1 जनवरी 2016 से 16 अगस्त 2019 तक की छायाप्रति उपलब्ध कराने, ग्राम पंचायत के खाता से आहरित धनराशि के सापेक्ष कराए गए कार्यों के कार्यपूर्ति की छायाप्रति उपलब्ध कराने और ग्राम निधि प्रथम के खाते के स्टेटमेंट की छायाप्रति उपलब्ध कराने की मांग की थी। जिला पंचायत राज अधिकारी द्वारा सूचना उपलब्ध कराने के लिए 7 सितंबर 2019 को चिट्ठी भेजे जाने के बाद ग्राम पंचायत अधिकारी द्वारा 10 अक्टूबर 2019 को सूचना प्रदान करने के लिए फोटो स्टेट आदि पर 784 रुपये व्यय होने की संभावना व्यक्त करते हुए इलाहाबाद बैंक शाखा जमालपुर के खाता में 784 रुपया जमा कराने के लिए प्रार्थी को पत्र जारी किया गया था। पत्र मिलने के बाद प्रार्थी द्वारा 20 नवंबर 2019 को ग्राम पंचायत निधि प्रथम खाता में 784 रुपया जमा किया गया। सूचना के लिए रुपए जमा करने के दो महीने बीत जाने के बाद भी अब तक उसे संबंधित ग्राम पंचायत अधिकारी द्वारा सूचना उपलब्ध नहीं कराई जा सकी है। सुमित ने जिलाधिकारी से हस्तक्षेप कर तत्काल सूचना उपलब्ध कराए जाने की मांग की है।