कम हुआ गंगा का जलस्तर, समस्या बरकरार
जागरण संवाददाता, मीरजापुर : बीते तीन दिनों से लगातार गंगा का जलस्तर कम होता जा रहा है। शनिवार शाम को गंगा का जलस्तर 73.05 मीटर रिकार्ड किया गया और पानी कम होने की दर दो सेंटीमीटर प्रति घंटा है। लेकिन इससे तटवर्ती क्षेत्र के किसानों की समस्या कम नहीं हो रही। रास्तों पर कीचड़ है और खेतों में खड़ी फसल बर्बाद हो गई है। वहीं जिला प्रशासन बाढ़ से हुए नुकसान की भरपाई के लिए सर्वे करा रहा है।
जागरण संवाददाता, मीरजापुर : तीन दिनों से लगातार गंगा का जलस्तर कम होता जा रहा है। शनिवार शाम को गंगा का जलस्तर 73.05 मीटर रिकार्ड किया गया और पानी कम होने की दर दो सेंटीमीटर प्रति घंटा है। लेकिन इससे तटवर्ती क्षेत्र के किसानों की समस्या कम नहीं हो रही। रास्तों पर कीचड़ है और खेतों में खड़ी फसल बर्बाद हो गई है। वहीं जिला प्रशासन बाढ़ से हुए नुकसान की भरपाई के लिए सर्वे करा रहा है।
कोन ब्लाक सहित सदर और चुनार क्षेत्र में गंगा का पानी तेजी से उतर रहा है। कोन ब्लाक के चील्ह, हर¨सगपुर, तिल्ठी, मझिगवां, मझरा क्षेत्र में पानी गांव से बाहर निकल चुका है। बबुरा अकोढ़ी मार्ग जो गंगा के पानी से डूब गया था, वहां भी पानी अब उतर गया है और आवागमन चालू है। सदर क्षेत्र में कटान की समस्या जस की तस बनी हुई है। बरैनी घाट के उत्तर तरफ भरा पानी धीरे-धीरे उतरने लगा है। वहीं किरिआत क्षेत्र में भी गंगा का जलस्तर गिरने लगा है लेकिन इससे किसानों की समस्या अभी कम नहीं हुई है। एडीएम राजित राम प्रजापति ने बताया कि सभी तहसीलों में सर्वे का काम लगभग पूरा कर लिया गया है, जल्द ही राहत प्रदान की जाएगी। नष्ट हुई फूलों की खेती
बारिश व बाढ़ के पानी की वजह से गंगा किनारे होने वाली फूलों की खेती को खासा नुकसान पहुंचा है। किसान रामकरन ¨बद ने बताया कि बारिश का पानी खेत में भर जाने से लगभग पांच लाख का घाटा हो गया। खेत में लगा गेंदा का फूल पूरी तरह से बर्बाद हो गया। वहीं किसान पंचम ने बताया कि फूलों में खासकर गेंदा व गुलाब की खेती को सबसे ज्यादा नुकसान पहुंचा है जबकि चुनार तहसील में हरी मिर्च की खेती बाढ़ में बर्बाद हुई है।