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बारिश से खेतों में भरा पानी, लाखों की क्षति

स्थानीय विकास खंड के क्षेत्रों में रविवार की भोर में हुई बारिश से किसानों को काफी हद तक आर्थिक नुकसानी हुआ है। जिससे उनके माथे पर चिता की लकींरे खींच आई है।

By JagranEdited By: Published: Sun, 15 Dec 2019 06:27 PM (IST)Updated: Sun, 15 Dec 2019 06:27 PM (IST)
बारिश से खेतों में भरा पानी, लाखों की क्षति
बारिश से खेतों में भरा पानी, लाखों की क्षति

जागरण संवाददाता, राजगढ़ (मीरजापुर) : स्थानीय विकास खंड के क्षेत्रों में रविवार की भोर में हुई झमाझम बारिश से किसानों को काफी हद तक आर्थिक नुकसान हुआ है। उनके माथे पर चिता की लकींरे खिंच आई हैं। खलिहान में रखी धान की फसल बारिश से भींग कर नष्ट हो गई तथा खेतों में गेहूं की फसल पूरी तरह चौपट होने के कगार पर पहुंच गई है। किसानों ने बताया कि लगातार चार घंटे तक बारिश होने से काफी क्षति हुई है।

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क्षेत्रों में भोर में लगभग चार घंटे लगातार बारिश से किसानों को क्षति होती जा रही है। बेमौसम बारिश से धान की फसल भींग गई जिससे किसानों को लाखों रुपये का नुकसान हो गया। जिसके कारण खाने के लिए किसान और उनके परिवार लाले पड़ जाएंगे। एक तरफ नहर में पानी आ रहा है और किसानों की गेहूं की फसल खराब हो रही है तो दूसरी तरफ बेमौसम बारिश से किसानों की फसल पूरी तरह से पानी में डूब चुकी है। 12 दिसंबर से बारिश हुई और उसी दिन नहर विभाग ने भी नहर खोल दिया किसानों को काफी क्षति हो रही है। नहर खोलने का कोई मतलब ही नहीं है। इस समय किसानों की फसल पानी में पूरी तरह से डूब चुकी हैं। क्षेत्र के दसवीं सिंह, दीपक सिंह, धर्मेंद्र कुमार, सुभाष सिंह, अखिलेश सिंह, रामलखन मौर्य, सुनील मौर्य, सुभाष यादव आदि किसानों ने कहा कि बेमौसम बरसात और सिचाई विभाग द्वारा नहर खोल दिया गया जिससे गेहूं, चना, मटर, सरसों सब पानी में डूब गया और साथ ही धान की फसल पूरी तरह से पानी में डूब चुकी है। इस बार किसानों को लाखों रुपये की क्षति हो गई। इसकी भरपाई कौन करेगा अभी तक गांव में कोई भी अधिकारी देखने नहीं आया। बताया कि हर साल ऐसे ही बेमौसम बरसात होती रहती है लेकिन किसानों की आर्थिक क्षति के नाम पर कुछ नहीं मिल पाता है।


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