Move to Jagran APP

चुनार में खतरे के निशान से एक फीट ऊपर बह रहा बाढ़ का पानी

चुनार नगर में खतरे के निशान से करीब एक फीट ऊपर बह रहीं गंगा अब विकराल रूप धारण कर चुकी हैं। उफनाईं गंगा से नगर में बाढ़ का खतरा बढ़ गया है। ढाब कृयात समेत अब नगर के कई और मोहल्लों में बाढ़ का पानी घुस गया है।

By JagranEdited By: Published: Fri, 20 Sep 2019 06:50 PM (IST)Updated: Fri, 20 Sep 2019 10:27 PM (IST)
चुनार में खतरे के निशान से एक  फीट ऊपर बह रहा बाढ़ का पानी
चुनार में खतरे के निशान से एक फीट ऊपर बह रहा बाढ़ का पानी

जागरण संवाददाता, चुनार (मीरजापुर) : चुनार नगर में खतरे के निशान से करीब एक फीट ऊपर बह रहीं गंगा अब विकराल रूप धारण कर चुकी हैं। उफनाईं गंगा से नगर में बाढ़ का खतरा बढ़ गया है। ढाब कृयात समेत अब नगर के कई और मोहल्लों में बाढ़ का पानी घुस गया है। प्रशासन के अनुसार अब तक लगभग 122 गांव बाढ़ की चपेट में हैं। हजारों एकड़ फसल तबाह हो गई है और हजारों लोग प्रभावित हैं। प्रशासन लगातार बढ़ते जलस्तर पर नजर रखे हुए है और प्रशासनिक अधिकारियों द्वारा बाढ़ पीड़ितों की हर संभव मदद की जा रही है। हालांकि अभी तक घरों को छोड़ कर विस्थापित किए जाने की कोई सूचना नहीं मिल रही है लेकिन जिन घरों में पानी घुस गया है वहां लोगों ने अपने घरों की पहली मंजिल पर शरण ले रखी है।

loksabha election banner

शुक्रवार को नगर के निचले इलाकों में बसे मुहल्ले भी बाढ़ की जद में आ गए। जिन मोहल्लों में पहले से पानी भरा था वहां गंगा ने अपना दायरा बढ़ा लिया। शुक्रवार को दोपहर में स्टेट बैंक रोड, बैंक आफ बड़ोदा के पास स्टेशन रोड पर पानी सड़क पर चढ़ने से दो पहिया वाहनों का आवागमन बंद हो गया। वहीं पक्के पुल से बालूघाट रोड पर संतोषी माता मंदिर के पास भी सड़क पर करीब दो फीट पानी आ जाने से वहां भी फिलहाल दो पहिया वाहनों का आवागमन ठप हो गया है। अब लोग रामघाट, मेन मार्केट आदि होते हुए अपने गंत्वयों को जा रहे हैं। इसके साथ ही चार पहिया वाहन चालकों के लिए भी काफी परेशानी हो रही है। - साठ फीसद फसल तबाह

ढाब क्षेत्र के 12 गांवों समेत सीखड़ क्षेत्र के कई गांवों व चुनार नगर से लगायत रैपुरिया, सरैया सिकंदरपुर, कजिया आदि स्थानों के खेतों में अन्नदाताओं की मेहनत को गंगा ने लील लिया है। अनुमानित क्षति के मुताबिक क्षेत्र के साठ फीसद से अधिक खेत गंगा के पानी में जल मग्न हैं और इनमें उगाई जा रही फसलें पूरी तरह से तबाह हो चुकी हैं। वास्तविक क्षति का अनुमान तो पानी उतरने के बाद ही होगा लेकिन जिन जिन किसानों की फसलें बाढ़ में बर्बाद हो रहीं हैं उनका दर्द उनकी जुबां पर आ ही जा रहा है।

-बाढ़ की जद में आए हर किसान को हुआ है नुकसान

किसान छोटा हो मझोला या बड़े स्तर पर खेती करने वाला सभी को गंगा की बाढ़ का दंश साल रहा है। लोगों की लागत भी बाढ़ के साथ गंगा के पानी में बह गई है। बगहीं गांव के रमाशंकर सिंह, राजेश सिंह, हर्षदेव सिंह, मनोज सिंह, रंजीत सिंह आदि किसानों ने बताया कि गंगा के आगे किसका बस है लेकिन हर तीसरे साल आ रही बाढ़ की विनाशलीला की चपेट में आने वाले हम जैसे किसान अपना सबकुछ लुटा बैठते हैं। ढाब इलाके में सबसे अधिक सब्जियों में लौकी, नेनुआ, गोभी, प्याज आदि की खेती बहुतायत से होती है और जिनके खेत बाढ़ की जद में आए हैं उनकी सारी फसल बर्बाद हो गई है। वहीं दलहनी फसलों में मूंगफली, अरहर, मूंग उतैला आदि फसल भी तबाह हो गई है। - पैंतीस स्थानों पर चल रही है नाव

नायब तहसीलदार नटवर सिंह ने बताया कि शुक्रवार को बाढ़ प्रभावित इलाकों में पैंतीस स्थानों पर लोगों की सुविधा के लिए नाव चलाई जा रही है। इसके साथ ही उन्होंने बताया कि गंगा के जल स्तर में हो रही वृद्धि पर नजर बनी हुई है। अभी तक विस्थापन की स्थिति नहीं है। ऐसी किसी भी स्थिति के प्रशासन पूरी तरह तैयार है। - लल्ली की मड़ई पर पुल की ऊंचाई बढ़ाने के लिए बनेगी योजना

क्षेत्रीय विधायक अनुराग सिंह ने बताया कि ढाब इलाके के लोगों की बाढ़ समस्या को देखते हुए लल्ली की मड़ई पर पुल की ऊंचाई बढ़ाने के लिए कार्ययोजना तैयार कराई जाएगी। यह पुल ऊंचा होने के बाद ढाब क्षेत्र के लोगों की कनेक्टिविटी तहसील मुख्यालय से बनी रहेगी।


Jagran.com अब whatsapp चैनल पर भी उपलब्ध है। आज ही फॉलो करें और पाएं महत्वपूर्ण खबरेंWhatsApp चैनल से जुड़ें
This website uses cookies or similar technologies to enhance your browsing experience and provide personalized recommendations. By continuing to use our website, you agree to our Privacy Policy and Cookie Policy.