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पैन कार्ड की अनिवार्यता खत्म होने से करदाताओं को राहत

मीरजापुर जिले में वित्तवर्ष 2017-1

By JagranEdited By: Published: Fri, 05 Jul 2019 07:06 PM (IST)Updated: Sat, 06 Jul 2019 12:30 AM (IST)
पैन कार्ड की अनिवार्यता खत्म होने से करदाताओं को राहत

जागरण संवाददाता, मीरजापुर : मीरजापुर जिले में वित्तवर्ष 2017-18 में 12 हजार से ज्यादा आयकरदाताओं ने इनकम टैक्स रिटर्न इसलिए नहीं भरा क्योंकि उनके पास पैन कार्ड ही उपलब्ध नहीं रहा। इस बार के बजट में आयकर रिटर्न भरने के लिए पैन कार्ड की अनिवार्यता समाप्त कर दी गई है। अब आधार कार्ड से भी आयकर दाखिल किया जा सकेगा। इससे जिले में आयकर दाताओं की संख्या में भी बढ़ोतरी होगी।

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आम बजट के दौरान आयकर रिटर्न भरने के लिए पैन कार्ड की अनिवार्यता समाप्त होने व आधार नंबर से ही आयकर भरने की सहूलियत से आम करदाता व अधिवक्ताओं ने हर्ष व्यक्त किया। आयकर अधिवक्ता आरके श्रीवास्तव ने बताया कि सभी नागरिकों के पास आधार कार्ड है लेकिन पैन कार्ड बहुत ही कम लोगों ने बनवाया है। बीते कुछ वर्षों में पैन कार्ड की अनिवार्यता होने से लोगों ने बनवाना शुरू किया लेकिन अभी तक जिले में तीन लाख से भी कम लोगों के पास पैन कार्ड उपलब्ध है। ऐसे में सरकार का यह निर्णय स्वागत योग्य है। आयकर दाता अजय शर्मा ने बताया कि आधार कार्ड से भी इनकम टैक्स रिटर्न भरने की सहूलियत मिलने से आसानी होगी। कई बार लोग पैन कार्ड साथ लेकर नहीं चलते लेकिन आधार कार्ड अक्सर पास रहता है। इससे यह सुविधा मिलेगी की हम कहीं से भी अपने आधार कार्ड के माध्यम से आयकर दाखिल कर सकेंगे। डीजल पर सेस से बढ़ी चिता

डीजल व पट्रोल पर एक रुपये का अतिरिक्त सेस लगाए जाने से किसानों की चिता बढ़ गई है। इससे माल ढुलाई की कीमत बढ़ेगी और खेती की लागत में भी बढ़ोतरी होगी। जिले के किसान रामप्रकाश पटेल ने बताया कि डीजल की कीमत बढ़ने से किसानों को नुकसान होगा। किसानों के कई उत्पाद सीधे डीजल की खपत से जुड़े होते हैं इसलिए यह बढ़ोतरी उत्पाद की लागत बढ़ाएगी। इसके अलावा माल भाड़ा बढ़ने से भी इसका भार आम जनता व किसानों पर ही पड़ेगा। कारपोरेट टैक्स का स्वागत

जिले की जनता ने सरकार द्वारा 400 करोड़ से ज्यादा टर्नओवर वाली कंपनियों पर 25 फीसद कारपोरेट टैक्स लगाने का स्वागत किया है। पेशे से रिटायर्ड शिक्षक रघुनाथ त्रिपाठी ने बताया कि सरकार ने पहली बार अमीरों पर टैक्स लगाने की हिम्मत दिखाई है और यह बहुत पहले होना चाहिए था। इससे कई फायदे होंगे। आने वाले समय में इस धन का उपयोग जनहित के कार्यों में किया जाएगा। जिस तरह आम करदाता इमानदारी से टैक्स जमा करता है, उसी तरह बड़ी कंपनियों से भी वसूली की जाए।


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