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क्रयप्रभारी के लापरवाही का खामियाजा भुगत रहे किसान

क्षेत्र के धान क्रय केंद्र भुइली पर छह माह पूर्व बेचे धान का पैसा न मिलने पर किसान द्वारा पैसा क्रय केंद्र प्रभारी से मांगे जाने पर पैसा देने को कौन कहे उसे अपना धान ले जाने का फरमान दे दिया। बरसात से भीगे धान की बोरी को ट्रैक्टर पर रखते हुए जब पूछा गया तो उसने कहा साहब धान घर रहा होता तो ऐसा नहीं होता हम भीग जाते लेकिन धान नहीं भीगता।

By JagranEdited By: Published: Sun, 07 Jun 2020 06:06 PM (IST)Updated: Sun, 07 Jun 2020 06:06 PM (IST)
क्रयप्रभारी के लापरवाही का
खामियाजा भुगत रहे किसान
क्रयप्रभारी के लापरवाही का खामियाजा भुगत रहे किसान

जासं, अदलहाट (मीरजापुर) : क्षेत्र के धान क्रय केंद्र भुइली पर छह माह पूर्व बेचे धान का पैसा नहीं मिलने पर किसान द्वारा पैसा क्रय केंद्र प्रभारी से मांगे जाने पर पैसा देने को कौन कहे, उसे अपना धान ले जाने का फरमान दे दिया। बरसात से भीगे धान की बोरी को ट्रैक्टर पर रखते हुए जब पूछा गया तो उसने कहा साहब धान घर रहा होता तो ऐसा नहीं होता, हम भींग जाते लेकिन धान नहीं भींगता।

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भरूहिया ग्राम निवासी श्रीराम, खजुरौल ग्राम निवासी ओम प्रकाश भारती व आशीष कुमार, रामपुर ग्राम निवासी जवाहिर व लालमन यादव, सुरहां ग्राम निवासी शिव प्रसाद ने दिसंबर माह में क्रय केंद्र पर रजिस्ट्रेशन कराकर धान दिया था, लेकिन किसानों का सिक्स आर नहीं काटा गया। किसान आश्वस्त थे कि उनका धान खरीद लिया गया है, लेकिन यह खुलासा तब हुआ, जब किसान के खाते में पैसा नहीं गया। किसान क्रय केंद्र सचिव से पैसा न आने की बात किए तो किसान से अपना धान ले जाने को कह दिया गया। बेबस किसानों को सरकार के महत्वाकांक्षी मूल्य समर्थन योजना का लाभ नहीं मिल पाया। किसान मायूस होकर क्रय केंद्र से छह माह पूर्व दिये धान को उठाकर ले जा रहे है, अपनी गाढ़ी कमाई की रक्षा न कर पाने का मलाल उनके अंदर साफ झलक रहा था।

किसानों का कहना था कि अगर धान नहीं खरीदना था तो उसी समय नहीं लिये होते, कम से कम हमारा धान तो सुरक्षित रहता। सूत्रों के अनुसार केंद्र पर तीस किसानों से 1500 क्विटल धान लिया गया है। उनके धान की फीडिग नहीं होने से उनके खातों में पैसा नहीं गया


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