Move to Jagran APP

पारंपरिक हल-बैल से किसान कर रहे खेती

मानसून आने के बाद किसान धान की रोपाई के लिए अपना हल बैल तैयार कर खेत में पहुंचने लगे है। एक तरफ जहां किसान जुताई कर खेत तैयार कर रहे है तो वही पर महिलाएं पारंपरिक गीत के साथ धान रोपाई कर रही है। पानी के बूंदा बांदी के बीच भिगने का परवाह न करते हुए महिला व पुरुष किसान खेती में कार्य में जुट गया है।

By JagranEdited By: Published: Fri, 10 Jul 2020 09:10 PM (IST)Updated: Sat, 11 Jul 2020 06:05 AM (IST)
पारंपरिक हल-बैल से 
किसान कर रहे खेती
पारंपरिक हल-बैल से किसान कर रहे खेती

जागरण संवाददाता, लालगंज (मीरजापुर) : मानसून आने के बाद किसान धान की रोपाई के लिए अपना हल बैल तैयार कर खेत में पहुंचने लगे है। एक तरफ जहां किसान जुताई कर खेत तैयार कर रहे है तो वही पर महिलाएं पारंपरिक गीत के साथ धान रोपाई कर रही है। पानी के बूंदा बांदी के बीच भिगने का परवाह न करते हुए महिला व पुरुष किसान खेती में कार्य में जुट गया है।

loksabha election banner

कृषि उपकरण ट्रैक्टर आदि के युग में भी क्षेत्र के छोटे किसान ट्रैक्टर के बजाय पारंपरिक हल-बैल के माध्यम से ही खेतों की जुताई करना बेहतर समझते है। विशेषकर 1970-80 के दशक में मवेशियों की संख्या अधिक हुआ करती थी। पारंपरिक खेती का प्रचलन भी चरम पर था। परंतु अब पशुओं खासकर बैल की संख्या में भारी गिरावट आई है। इससे पारंपरिक खेती करने में किसानों को भारी परेशानी हो रही है। खेती किसानी में तकनीक का प्रयोग बढ़ गया है फिर भी लालगंज में किसान आज भी पारंपरिक खेती को अधिक तरजीह देते हैं। धान की रोपाई के लिए हल बैल से खेती करते हुए पारंपरिक प्रचलन को कायम रखे हुए है। हल और बल से खेती से कई फायदे

अब कहीं-कहीं ही किसी किसान के पास कुछ जुड़े बैल रह गए हैं। जिसके कारण अभी भी पशुओं के गले में घंटी की आवाज अब बहुत कम सुनाई पड़ती है, लेकिन कई किसान आज भी खेती में हल-बैल का प्रयोग कर रहे हैं। गांव के किसान रामसजीवन, मटुक, बैजू, नज्जू खां, लालचंद ने कहा कि हल बैल से खेती करने का अलग ही आनंद है। पारंपरिक हल बैल से जमीन की जुताई अच्छी होती है। जुताई से जमीन अनुरूप समतल होता है और फसल लगने के बाद सिचाई करने में परेशानी नहीं होती है। बैल से हेंगाई किए जाने से खेत अधिक समतल रहता है और पानी का ज्यादा दिनों तक ठहराव बना रहता है।


Jagran.com अब whatsapp चैनल पर भी उपलब्ध है। आज ही फॉलो करें और पाएं महत्वपूर्ण खबरेंWhatsApp चैनल से जुड़ें
This website uses cookies or similar technologies to enhance your browsing experience and provide personalized recommendations. By continuing to use our website, you agree to our Privacy Policy and Cookie Policy.