बहू को नौकरी मिलने की खुशियां मना रहे परिवार में छाया मातम
लाइन बाजार थाना क्षेत्र के जमालपुर गांव में बहू को सरकारी नौकरी मिलने की खुशी मना रहे परिवार में अचानक मातम छा गया।
जागरण संवाददाता, सिकरारा (जौनपुर): लाइन बाजार थाना क्षेत्र के जमालपुर गांव में बहू को सरकारी नौकरी मिलने की खुशी मना रहे परिवार में अचानक मातम छा गया। नौकरी के लिए काउंसिलिग कराने गई बहू की सड़क दुर्घटना में मौत की खबर जब परिजनों को लगी तो मानो उन पर गम का पहाड़ टूट पड़ा हो। सांत्वना देने वालों की भारी भीड़ शनिवार को दरवाजे पर दिनभर लगी रही।
उक्त गांव में राजकुमार यादव का भरा-पूरा परिवार है। तीन बेटों में सबसे बड़ा बेटा सुनील दत्त यादव कानपुर में एआरटीओ हैं तो दूसरा बेटा देवेंद्र यादव लखनऊ में आयकर विभाग में अधिकारी हैं। सबसे छोटा बेटा ज्ञानेंद्र तैयारी कर रहा था। इसी बीच परिजनों ने 27 नवंबर को ज्ञानेंद्र की शादी मीरजापुर के समाजवादी पार्टी के पूर्व जिलाध्यक्ष आशीष यादव की पुत्री से कर दी। घर में वैशाली जैसी पढ़ी-लिखी बहू आयी तो सास चिता देवी व ससुर राजकुमार यादव के खुशी का ठिकाना नहीं रहा। इसी बीच शिक्षकों के 69 हजार भर्ती में बहू वैशाली का चयन हो गया। इसके बाद खुशी दोगुनी हो गई। एक सप्ताह पूर्व वैशाली पति ज्ञानेंद्र के साथ सीतापुर जिले में काउंसिलिग कराने जा रही थीं। रास्ते में ही उनको भर्ती पर रोक की जानकारी हो गई तो वे वापस कानपुर अपने बड़े भाई के यहां चले गए। शुक्रवार को वे अपनी स्कार्पियों से वापस घर आ रहे थे कि प्रतापगढ़ जनपद में भुपियामऊ चौराहा के पास ट्रक के धक्के से बहू वैशाली (23) की मौके पर ही मौत हो गई जबकि पति ज्ञानेंद्र को भी चोट लगी पर स्थित बेहतर है। गाड़ी में ही ज्ञानेंद्र के बड़े भाई सुनील दत्त बाल-बाल बच गये। पोस्टमार्टम के बाद देररात शव घर पहुंचा तो कोहराम मच गया। ससुर राजकुमार बहू की मौत की खबर के बाद सदमे में थे और बस इतना कह रहे थे कि सबकुछ बर्बाद हो गया। सांत्वना देने आ रहे लोगों को बहू की अच्छाइयां बताते हुए कभी फफक-फफक कर रोते तो सास दहाड़े मारकर रोते हुई बेहोश हो जा रही थी। मौत की खबर के बाद से लगातार मृतक के घर लोगों का आना-जाना लगा रहा। सभी घटना को लेकर स्तब्ध थे। परिवार को सभी ढांढस बंधाने में जुटे थे।