परिजनों ने थाने पर दिया धरना तो दर्ज हुआ मुकदमा
जागरण संवाददाता जमालपुर (मीरजापुर) हेडकांस्टेबल शशिकांत सिंह हत्याकांड का मुकदमा द
जागरण संवाददाता, जमालपुर (मीरजापुर) : हेडकांस्टेबल शशिकांत सिंह हत्याकांड का मुकदमा दर्ज नहीं करने पर परिजनों में रोष था। नाराज परिजनों ने सपा और कांग्रेस नेताओं के साथ शुक्रवार को जमालपुर पहुंचकर थाने में धरना दिया। कहा कि चकिया और जमालपुर पुलिस की लापरवाही के चलते घटना के सात दिन बाद भी पुलिस हेडकांस्टेबल की हत्या का मुकदमा दर्ज नहीं किया गया। इस दौरान लोगों ने पुलिस और प्रशासन के खिलाफ नारेबाजी की। मामले की जानकारी होने पर उच्चाधिकारियों ने तहरीर के आधार पर पुलिस को मुकदमा दर्ज करने के निर्देश दिए तो मुकदमा दर्ज होने के साथ ही देर शाम को धरना समाप्त हुआ।
मृत हेडकांस्टेबल के भाई विजयकांत ने बताया कि चंदौली के चकिया थाना क्षेत्र के कौड़िहार गांव निवासी हेडकांस्टेबल शशिकांत सिंह की 28 नवंबर की शाम जमालपुर के शेरवां पहाड़ी पर ले जाकर कुछ लोगों ने हत्या कर दी थी। घटना की तहरीर देने पर जमालपुर पुलिस ने चकिया थाने में गुमशुदगी दर्ज होने की बात बताते हुए वहीं पर मुकदमा दर्ज कराने की बात कही। वहीं चकिया पुलिस ने जमालपुर क्षेत्र का मामला बताते हुए यहां पर मुकदमा दर्ज कराने को कहा। इन दोनों थाने की खींचतान में सात दिन बीत गए और मुकदमा दर्ज नहीं हुआ। यह देख परिजन आक्रोशित हो गए। शुक्रवार को सपा व कांग्रेस नेताओं के साथ परिजन जमालपुर पहुंचे और मुकदमा दर्ज करने की मांग की। पुलिस द्वारा मामला दर्ज करने से इन्कार करने पर परिजन नाराज हो गए और पुलिस-प्रशासन के खिलाफ नारेबाजी करते हुए धरने पर बैठ गए। शाम को एसपी अजय कुमार सिंह के आदेश पर पुलिस ने मुकदमा दर्ज करने की बात कही तो लोगों ने धरना समाप्त कर दिया। पुलिस ने संतोष पांडेय के विरुद्ध नामजद व कुछ अज्ञात के लोगों के विरुद्ध हत्या का मुकदमा दर्ज कर लिया। धरना देने वालों में अमित सोनकर, शंभू यादव, सतेंद्र यादव, कमला कांत सिंह आदि शामिल रहे।