पांच साल बाद भी नवनिर्मित सीएचसी नहीं हुआ हैंडओवर
हलिया विकास खंड के गलरा गांव में करोड़ों रुपये की लागत से बनकर तैयार नवनिर्मित सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र भवन को पांच वर्ष बाद भी लापरवाही के कारण स्वास्थ्य विभाग को हैंडओवर नहीं किया गया। स्
जागरण संवाददाता, ड्रमंडगंज (मीरजापुर) : हलिया विकास खंड के गलरा गांव में करोड़ों रुपये की लागत से बनकर तैयार नवनिर्मित सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र भवन को पांच वर्ष बाद भी लापरवाही के कारण स्वास्थ्य विभाग को हैंडओवर नहीं किया गया। स्वास्थ्य केंद्र के भवन परिसर में पशुओं का अड्डा बन गया है, वही झाड़-झंखाड़ से पट गया है। जिससे परिसर जंगल के रूप में तब्दील हो गया है, बाउंड्रीवाल भी क्षतिग्रस्त हो गई है। हैंडओवर न होने के कारण क्षेत्रीयजनों को स्वास्थ्य सुविधाओं का लाभ नहीं मिल पा रहा हैं। जिसके कारण उन्हें मंडलीय अस्पताल, सीएचसी लालगंज या निजी चिकित्सालय में उपचार कराना महंगा पड़ रहा हैं। ग्रामीणों का आरोप है कि स्वास्थ्य महकमा भी सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र भवन हैंडओवर को लेकर चुप्पी साधे हुए है। हलिया विकास खंड से दस किलोमीटर की दूरी पर स्थित गलरा गांव में वर्ष 2006 में 32 बेड का सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र भवन का निर्माण शुरु हुआ जो वर्ष 2014-15 में पूर्ण रूप से तैयार हो गया। नवनिर्मित भवन हैंडओवर न होना व डाक्टरों की नियुक्ति न होने के कारण विकास खंड के 79 ग्राम पंचायतों के लिए बनकर तैयार सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र बेसहारा पशुओं तथा झाड़ झंखाड़ से पट गया है। विकास खंड भौगोलिक ²ष्टि से इलाहाबाद जनपद के अलावा मध्यप्रदेश के रींवा तथा सीधी, सिगरौली जनपद के सीमावर्ती विकास खंड के लोग इलाज हेतु 70 किलोमीटर की दूरी तय कर मंडलीय चिकित्सालय तथा इलाहाबाद जनपद को जाने को विवश हैं। इन गांवों के लोगों को होगा लाभ
ग्रामीणों का कहना है कि कागज पर कुछ कर्मचारियों की नियुक्ति तो जरूर हो गई है लेकिन वे सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र पर न रहकर इधर-उधर भटक रहे हैं। अगर सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र शुरू हो जाए तो क्षेत्र के नौगांवा, गुलपुर, बनवा, खुटहा, देवरी, बालीपुर, बरबसा, सोनगढा, सिकटा, बंजारी, पवांरी कलां, राजपुर, ढेढी, मझिगवां, गड़बड़ा, कोटार, पुरवा, महेशपुर आदि गांवों के लोगों को दूर अस्पताल नहीं जाना पड़ेगा और उन्हें स्वास्थ्य लाभ पूरी तरीके से मिल सकेगा। क्या कहते है ग्रामीण
नवनिर्मित सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र चालू हो जाने से क्षेत्र के लोगों को उपचार के लिए भटकना नहीं पड़ेगा लेकिन स्वास्थ्य महकमा बेखबर होने के कारण ग्रामीणों में मायूसी है।
कल्ले कहार, ग्रामीण गलरा। सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र का गांव में निर्माण हो जाने से बेहतर उपचार के लिए उम्मीद जगी थी लेकिन अभी तक हैंडओवर नहीं होने से उपचार के लिए गांव के लोगों को मंडलीय अस्पताल जाना पड़ता है।
मोती लाल कोल, ग्रामीण। सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र का भवन बनकर तैयार है लेकिन अभी तक हैंडओवर नहीं हो सका। भवन हैंडओवर के लिए स्वास्थ्य मंत्री तथा संपूर्ण समाधान दिवस पर उच्चाधिकारियों से शिकायत किया गया लेकिन कोई असर नहीं हुआ।
अरुण कुमार मिश्र, ग्राम प्रधान गलरा।