फाइलेरिया उन्मूलन को आशा कार्यकर्ताओं का होगा प्रशिक्षण
जिले भर में फाइलेरिया नियंत्रण के लिए उन्मूलन अभियान की शुरूआत बाल दिवस से की जाएगी। इसके लिए सभी आशा बहनों को प्रशिक्षित किया जाएगा और उन्हीं के माध्यम से डीइसी व अलबेंडाजोल की गोलियां आम लोगों तक पहुंचाइ जाएंगी। इस दौरान औषधि उपचारकों द्वारा घर-घर जाकर यह गोलियां खिलाई जाएंगी।
जागरण संवाददाता, मीरजापुर : जिले भर में फाइलेरिया नियंत्रण के लिए उन्मूलन अभियान की शुरुआत बाल दिवस से की जाएगी। इसके लिए सभी आशा बहनों को प्रशिक्षित किया जाएगा और उन्हीं के माध्यम से डीइसी व अलबेंडाजोल की गोलियां आम लोगों तक पहुंचाइ जाएंगी। औषधि उपचारकों द्वारा घर-घर जाकर यह गोलियां खिलाई जाएंगी।
मुख्य चिकित्साधिकारी डा. ओपी तिवारी ने बताया कि स्वास्थ्य विभाग के अलावा सभी विभागों के संबंधित अधिकारी, कर्मचारी, ब्लाक पदाधिकारी, ग्राम प्रधानों का सहयोग भी इस अभियान में लिया जाएगा। उन्होंने बताया कि यह दवाएं गर्भवती महिलाओं, दो वर्ष से कम उम्र के बच्चों व अत्यधिक बीमार लोगों को नहीं दी जाएगी। अलबेंडाजोल की गोली को चबाकर खाना है इसके अलावा यह भी सावधानी बरतनी होगी कि यह गोलियां खाली पेट नहीं ली जाएं। डीइसी गोली के बारे में बताते हुए डा. ओपी तिवारी ने कहा कि इस गोली को खाने के बाद जिनके शरीर में माइक्रोफाइलेरिया परजीवी है, वे मरने से पहले प्रतिक्रिया करते हैं जिससे सिरदर्द, चक्कर, बुखार या शरीर पर चकत्ते व खुजली हो सकती है लेकिन इससे घबराने की आवश्यकता नहीं है। इन्हीं का प्रशिक्षण सभी आशा बहनों को दिया जाएगा।
आशा कार्यकर्ताओं की ट्रेनिंग
जासं, हलिया (मीरजापुर) : उच्चीकृत प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र हलिया में फाइलेरिया उन्मूलन अभियान 2018 के तहत आशाओं को प्रशिक्षण दिया जा रहा है। जिसमे सभी आशाओं को दवा फैमिली रजिस्टर व पोस्टर वितरित किए गए। स्वास्थ्य केंद्र के चिकित्सा अधीक्षक डा. पवन पटेल ने बताया फाइलेरिया मच्छरों के काटने से होने वाला संक्रामक रोग है। जो सामान्यत: यह हाथी पाव के नाम से जाना जाता है। यह दवा साल में एक बार घर-घर मुफ्त दी जाएगी।