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सहूलियत की जगह मुसीबत बना रेलवे अंडरपास ब्रिज

प्रयागराज से पं. दीनदयाल उपाध्याय रेल मार्ग के नीचे लोगों की सुविधा के लिए अंडरपास ब्रिज बनाया गया है लेकिन उसके अंदर पानी भरा होने से लोगों का निकलना दूभर हो गया है। लोग अंदर से निकलने से कतराने लगे हैं। कई बार शिकायत के बाद भी अभीतक समस्या दूर नहीं हो सकी है।

By JagranEdited By: Published: Fri, 10 Jul 2020 09:16 PM (IST)Updated: Sat, 11 Jul 2020 06:05 AM (IST)
सहूलियत की जगह मुसीबत बना रेलवे अंडरपास ब्रिज

जागरण संवाददाता, मीरजापुर : प्रयागराज से पं. दीनदयाल उपाध्याय रेल मार्ग के नीचे लोगों की सुविधा के लिए अंडरपास ब्रिज बनाया गया है लेकिन उसके अंदर पानी भरा होने से लोगों का निकलना दूभर हो गया है। लोग अंदर से निकलने से कतराने लगे हैं। कई बार शिकायत के बाद भी अभीतक समस्या दूर नहीं हो सकी है। रेलवे ने क्रासिग से लगने वाले जाम और मैन पावर कम करने के लिए जिले के कई स्थानों पर अंडरपास ब्रिज बनाया है। नटवां के पास रेलमार्ग के नीचे अंडरपास ब्रिज बनवाया गया था। लोगों को भी लगा था कि इससे उनकी परेशानी दूर हो जाएगी। समय भी बर्बाद नहीं होगा और जाम से भी निजात मिल जाएगी लेकिन अब अंडरपास ब्रिज सहुलियत के बजाय मुसीबत बन गया है। यही हाल विध्याचल के पटेंगरा, रेहड़ा चुंगी व दुधनाथ चुंगी का है। इस समय अंडरपास ब्रिज के अंदर बारिश का पानी भर गया है। पानी निकालने की कोई भी व्यवस्था नहीं होने से अंडरपास ब्रिज तालाब बन गया है। इससे लोगों को परेशानी का सामना करना पड़ रहा है। आलम यह है कि लोगों का पैदल निकला भी मुश्किल हो गया है। स्थानीय लोगों ने बताया कि अंडरपास ब्रिज से पानी निकालने के लिए कई बार शिकायत दर्ज करा चुके हैं लेकिन आजतक कोई भी कार्यवाही अमल में नहीं लाई गई। वहीं विध्यधाम पहुंचने के बाद भी श्रद्धालुओं को विध्यवासिनी मंदिर तक पहुंचने के लिए लगभग तीन किलोमीटर का अधिक चक्कर लगाना पड़ रहा है। इसका कारण पुल के अंदर पानी भरा होना है।

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रेलवे अधिकारियों का कहना है कि सभी अंडरपास ब्रिज में पानी सोखने के लिए ग्राउंड लेवल तक पाइप डाले गए हैं लेकिन इस बात से भी इनकार नहीं किया जा सकता कि तेज बारिश में उनकी क्षमता नहीं के बराबर होती है और देखरेख के आभाव में वो नकारा साबित हो रहे हैं। रेलवे अधिकारी चाहे कितने भी सुरक्षा के दावे क्यों न करते हों लेकिन हकीकत यह है कि कई दिनों तक कीचड़ रहने से अंडरपास ब्रिज की दीवारों में आने वाली सीलन कहीं न कहीं किसी बड़े हादसे का संकेत भी दे रही है। रेलवे प्रशासन मानसून को लेकर अगर पहले ही सतर्क हो जाए तो शायद ही ये भयावह नजारा हो लेकिन यहां तो रेलवे प्रशासन व नगर पालिका एक-दूसरे पर जिम्मेदारी का हवाला देकर पल्ला झाड़ ले रहे हैं और समस्या जस की तस बनी हुई है। वहीं रेलवे के एक अधिकारी कहतें है कि अंडरपास ब्रिज का निर्माण राज्य सरकार की ओर बनवाया गया है। इसमें रेलवे प्रशासन क्या कर सकता है। ग्रामीणों के लिए दुविधाजनक बनते जा रहे अंडरपास ब्रिज

रेलवे फाटक की समस्या से समाधान दिलाने के लिए राजगढ़ क्षेत्र के धनसीरिया-सतौहा संपर्क मार्ग, धनसीरिया-मधुपुर, भीटी-भवानीपुर व नुनौटी-गोल्हनपुर संपर्क मार्ग पर बने रेलवे अंडरपास ब्रिज सुविधा की बजाय दुविधाजनक बनते जा रहे हैं। अंडरपास ब्रिज के अंदर बारिश की पानी इकट्ठा हो जाने से आवागमन पूरी तरह ठप है। यह समस्या पानी निकासी की माकूल व्यवस्था नहीं होने कारण हो रही है। रेलवे ट्रैक पर सुगम राह के लिए जब अंडरपास ब्रिज बना था तो ग्रामीणों ने राहत की सांस ली थी लेकिन उस वक्त उन्होंने यह नहीं सोचा था कि आने वाले वक्त में उन्हें कितनी परेशानी का सामना करना होगा। विधायक के निर्देश के बाद भी नहीं हुआ समाधान

विगत दिनों नगर विधायक रत्नाकर मिश्र ने पटेंगरा पुल का निरीक्षण किया था और अधिकारियों को निर्देश दिए थे कि जल्द से जल्द पानी निकासी कराकर जलजमाव की समस्या का समाधान कराया जाए। इसके बाद भी कोई समाधान नहीं निकला और अब भी जलजमाव की समस्या बरकरार है। जबकि केंद्र एवं राज्य सरकार के मंत्री, सांसद, विधायक एवं अन्य जनप्रतिनिधि इसी मार्ग से होकर गुजरते हैं। शास्त्री सेतु पर लग रहा जाम, बढ़ा खतरा

नटवां स्थित रेलवे अंडरपास ब्रिज के अंदर जलजमाव होने से वाहनों का आवागमन अवरूद्ध हो गया है। अंडरपास ब्रिज से साइकिल सवार व दो पहिया वाहन एकदम नहीं निकल पा रहे हैं। चार पहिया व छोटे वाहन पानी के बीच ही बंद होकर फंस जा रहे हैं। फंसे वाहनों को धक्का लगाकर निकालना पड़ रहा है। इसके कारण मीरजापुर-औराई मार्ग पर वाहनों की लंबी कतार लगी रही है। इससे शास्त्री सेतु पर भार बढ़ गया है जिससे खतरा मंडरा रहा है। कमजोर हो चुके शास्त्री सेतु पर इसी तरह भीड़ लगती रही तो कभी भी बड़ा हादसा हो सकता है। पंप लगाकर निकाला गया पानी फिर भी समस्या बरकरार

अंडरपास ब्रिज के अंदर पानी भरे होने से लोगों को काफी परेशानी हो रही है। काफी शिकायत के बाद कुछ दिन पहले पंप लगाकर अंडरपास ब्रिज के अंदर से पानी निकाला गया लेकिन समस्या अब भी जस की तस बनी हुई है। नागरिकों ने प्रशासन से जल्द से जल्द स्थायी समाधान निकालकर जलजमाव की समस्या से निजात दिलाने की मांग की है। वर्जन

रेलवे अंडरपास ब्रिज में जलजमाल की शिकायत मिली है। मामले को लेकर भारत सरकार को चिठ्ठी भेजी गई है। जिला प्रशासन से बात कर जल्द ही समस्या का समाधान कराया जाएगा जिससे विध्याचल आने वाले श्रद्धालुओं को जलजमाव से छुटकारा मिले और वे सुगम यात्रा कर सके। हालांकि अभी पंप लगाकर पानी निकाला जा रहा है।

-रमाशंकर सिंह पटेल, ऊर्जा राज्यमंत्री, उत्तर प्रदेश रेलवे अंडरपास ब्रिज के सफाई की जिम्मेदारी रेलवे प्रशासन की है। जलजमाव की शिकायत मिलने पर जिलाधिकारी से बात किया था। जिलाधिकारी ने जीएम रेलवे को पत्र लिखकर समस्या से अवगत करा दिया है। अगर फिर भी समस्या का समाधान नहीं किया गया तो नगर पालिका की ओर से पानी निकासी कराकर सफाई कराई जाएगी।

-मनोज जायसवाल, अध्यक्ष, नगर पालिका परिषद, मीरजापुर इस समस्या को लेकर जिलाधिकारी से बात कर जल्द से जल्द समाधान कराया जाएगा। जलजमाव के चलते कमजोर हो चुके शास्त्री सेतु पर भीड़ लगने से छुटकारा मिलेगा।

- बृजभूषण सिंह, जिलाध्यक्ष, भाजपा रेलवे अंडरपास ब्रिज के अंदर पानी जमा होने से आए दिन गाड़ियां बंद होकर बीच रास्ते में ही फंस जा रही है। इससे जाम की स्थिति उत्पन्न हो रही है और शारीरिक दूरी की धज्जियां उड़ रही हैं, जो प्रशासन की नाकामी दर्शाती है। अंडरपास ब्रिज बनाते समय अगर पानी निकासी की व्यवस्था की गई होती तो शायद जलजमाव की समस्या न होती। प्रशासन को चाहिए कि जल्द से जल्द जलजमाव व सड़क पर बने गड्ढों का समाधान किया जाए।

-देवी प्रसाद चौधरी, जिलाध्यक्ष, समाजवादी पार्टी

जब से ब्रिज का निर्माण कराया गया है तभी से लोगों को परेशानी का सामना करना पड़ रहा है। बरसात के समय पानी भरा होने से बड़े-बड़े गड्ढे हो गए हैं, जो हादसों का सबब बन रहे हैं। जनता की बात तो दूर मुझे खुद नटवां स्थित रेलवे अंडरपास ब्रिज के अंदर भरे पानी से होकर गुजरना पड़ा।

-राजेश गौतम, जिलाध्यक्ष, बहुजन समाज पार्टी

रेलवे अंडरपास ब्रिज के अंदर पानी भरा होने से सबसे अधिक परेशानी मां विध्यवासिनी के दर्शन-पूजन के लिए देश के कोने-कोने से आने श्रद्धालुओं को हो रही है लेकिन प्रशासन को तो जैसे इससे मतलब ही नहीं है।

-शिवकुमार सिंह पटेल, जिलाध्यक्ष, कांग्रेस


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