Flood In Mirzapur : गंगा का जलस्तर बढ़ने से निचले इलाकों में त्राहि त्राहि, शुरू हो गया तटवर्ती इलाकों में पलायन
Flood in ganga मीरजापुर जिले में गंगा नदी का जलस्तर खतरा बिंदु को पार करने के बाद लगातार तटवर्ती इलाकों में चुनौती पेश कर रहा है। गंगा का बढ़ा हुआ जलस्तर लगातार प्रभावित लोगों को पलायन के लिए विवश कर रहा है।
मीरजापुर, जागरण संवाददाता। गंगा का जलस्तर लगातार बढ़ने के चलते वर्ष 2021 के रिकार्ड को तोड़ने के करीब पहुंच गया है। वर्ष 2021 में गंगा का जलस्तर 78.400 मीटर रहा जबकि वर्ष 2022 में सोमवार को 78.00 मीटर का जलस्तर पहुंच चुका है। रिकार्ड से मात्र 400 सेंटीमीटर पानी नीचे है। जिस रफ्तार से पानी बढ़ रहा है उसको देखते हुए अंदाजा लगाया जा रहा है कि बुधवार तक यह रिकार्ड टूट जाएगा।
बाढ़ से सदर व चुनार तहसील के 200 से गांव प्रभावित हैं। 50 गांवों का आवागमन को पूरी तरह से बंद हो गया है। ये गांव पानी से पूरी तरह से घिर गए है। लोग अपने सामानों को छतों पर रखे हुए है। वहीं पर रह भी रहे हैं। जरूरत के सामानों को लेने के लिए नाव से बाजार आ रहे है। हालांकि जो नांव ग्रामीणों को दी गई है वह नाकाफी है। ग्रामीणों ने और नाव उपलब्ध कराने की मांग की है। कहा कि एक गांव में मात्र एक नाव दी गई है इससे गांव के लोगों को जरूरत की सामान नहीं मिल पा रहे है। कोई व्यक्ति एक नाव लेकर चला जा रहा है तो वह दो घंटे बाद ही बाजार से लौट रहा है। ऐसे में दूसरे व्यक्ति को परेशानी हो रही है।
हालांकि, तहसील प्रशासन का दावा है कि प्रभावित लोगों की हर संभव मदद की जा रही है। किसी को प्रकार की दिक्कत नहीं है। जो गांव बाढ़ से प्रभावित है और उनको रहने के लिए जगह नहीं है उनको क्षेत्र के प्राथमिक विद्यालयों में ठहराया गया है। वहां पर भोजन पानी की व्यवस्था की जा रही है। अधिकारी लगातार प्रभावित गांवों में भ्रमण कर लोगों की मदद करने व कराने का काम कर रहे हैं। लोगों की शिकायतों व सहायता के लिए कंट्रोल रूम बनाया गया है। किसी को कोई सहायता चाहिए तो वे अपने क्षेत्र के संबंधित एसडीएम या कंट्रोल रूम के नंबर पर फोन कर मदद ले सकते है। एडीएम शिव प्रताप शुक्ला ने बताया है बाढ़ प्रभावित गांवों का लगातार दौरा किया रहा है। प्रभावित लोगों की मदद की जा रही है।