पारिश्रमिक न मिलने से मनरेगा श्रमिकों की फीका रही दीवाली
विकास खंड क्षेत्र के ग्राम पंचायतों में मनरेगा अंतर्गत काम करने वाले श्रमिकों के भुगतान न होने से दीपावली पर इनके घर में उजाले नहीं हो सके।
जागरण संवाददाता, पटेहरा (मीरजापुर) : विकास खंड क्षेत्र के ग्राम पंचायतों में मनरेगा अंतर्गत काम करने वाले श्रमिकों के भुगतान न होने से दीपावली पर इनके घर में उजाले नहीं हो सके। बेचारे लाचार मजदूर कल तक आस लगाए थे कि खातों में महीनों से अटकी पारिश्रमिक का भुगतान हो जाएगा किन्तु विभागीय तनाव तथा ग्राम प्रधान और ग्राम सचिव के तालमेल तथा अधिकारियों की अनदेखी से मनरेगा में जाबकार्ड से काम करने वाले लेबरों का भुगतान नहीं हो सका है। अधिकांश तो प्रधानमंत्री आवास के लाभार्थी भी धन की तलाश में महाजनी ब्याज पर पैसा खोज कर अपना घर रोशन कर दीप जलाना चाह रहे है ¨कतु उनके भी अरमान धराशायी हो गए है।
रामदास, गंगा जली, रामरती ने तो आरोप लगाते हुए साफ कहा कि प्रधान जिन-जिन आवासों को खुद बनवाएं है उनकी पारिश्रमिक निकाल कर अपनी जेब गरम कर लिए है ¨कतु जिन लोगों ने स्वयं प्रधानमंत्री आवास बनवाया है उन्हीं लोगों का धन पाइप लाइन व आधारवेश खातों में फंसा दिए गए है। भुगतान के लिए ब्लाक का चक्कर काटते-काटते थक हार गए है लेकिन अधिकारी भी केवल प्रधानों की ही सुनते है। अनावश्यक रूप से खाते का स्टेटमेंट ही बार-बार मांग कर चपत लगवाते है। भुगतान की दुर्दशा पर लाचार मनरेगा के लेबरों की दीवाली इस वर्ष खटाई में पड़ गई हैं जबकि बेचारे सोचे थे कि मनरेगा योजना में काम किए है दीवाली अच्छे ढंग से बीतेगी। कई ग्राम पंचायतों में तो प्रधान और ग्राम सचिव की तनातनी ने लेबरों की दीवाली फींकी कर दी है। जबकि अधिकारी मूक दर्शक बने है। ------वर्जन
ब्लाक में केवल बसही ग्राम पंचायत में सचिव और प्रधान के तालमेल की तनातनी है जो सम्भवत: ठीक हो चला है शेष भुगतान कागजी कोरम के अभाव में लंबित है जल्द ही सुलझा दिया जाएगा।
अशोक दुबे, सहायक विकास अधिकारी।