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शिक्षा की मुख्य धारा से जुड़े दिव्यांग बच्चे

जागरण संवाददाता : मीरजापुर : सिटी विकास खंड स्थित अमोई मिनी डायट में शनिवार को 210 दिनो

By JagranEdited By: Published: Sat, 31 Mar 2018 11:07 PM (IST)Updated: Sat, 31 Mar 2018 11:07 PM (IST)
शिक्षा की मुख्य धारा से जुड़े दिव्यांग बच्चे
शिक्षा की मुख्य धारा से जुड़े दिव्यांग बच्चे

जागरण संवाददाता : मीरजापुर : सिटी विकास खंड स्थित अमोई मिनी डायट में शनिवार को 210 दिनों से चल रहा एक्सीलेरेटेड लर्निंग कैंप का समापन हुआ। इसी के साथ ही शिविर में शामिल 60 दिव्यांग बच्चे शिक्षा की मुख्य धारा से जुड़ गए। अब इनको परिषदीय विद्यालयों में संबंधित विधा से शिक्षा दी जाएगी।

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सर्व शिक्षा अभियान के अंतर्गत समेकित शिक्षा के तहत इस शिविर का आरंभ एक सितंबर 2017 को किया गया था। इसमें 36 श्रवण बाधित व 24 ²ष्टि बाधित बच्चे नामांकित थे। इन बच्चों को शिविर में श्रवण प्रशिक्षण, वाणी वाचन, ओरिएंटेशन एवं मोबिलिटी तथा ब्रेल री¨डग एंड राइ¨टग का प्रशिक्षण दिया गया। इस प्रशिक्षण के बाद ये बच्चे अपने निकटस्थ परिषदीय विद्यालयों में प्रवेश लेकर नियमित रूप से शिक्षा प्राप्त कर सकते हैं। दी गई ब्रेल किट

शिविर में शामिल 24 ²ष्टि बाधित दिव्यांगों को प्रशिक्षण के बाद ब्रेल किट भी दी गई। इसकी मदद से वे अपनी पुस्तक पढ़ सकते हैं और ज्ञान प्राप्त कर सकते हैं। इसी प्रकार मूक बधिर दिव्यांग को भी प्रशिक्षण दिया गया। जुड़ चुके हैं 2630 दिव्यांग

भारत सरकार के सर्व शिक्षा अभियान के तहत चलाए जा रहे इस शिविर के माध्यम से अब तक जिले में 2630 दिव्यांग बच्चे शिक्षा की मुख्य धारा से जुड़ चुके हैं। शिविर में इन बच्चों को आवासीय, भोजन, यूनीफार्म, उपकरण व मेडिकल आदि की सुविधाएं परिषदीय विद्यालयों के विद्यार्थियों की भांति निश्शुल्क उपलब्ध कराई जाती हैं। परिषदीय विद्यालयों में इन विद्यार्थियों को शिक्षा देने के लिए 44 इंटीनिरेंट टीचर, तीन रिसोर्स टीचर व एक फिजीयोथेरेपिस्ट उपलब्ध हैं।

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''किसी भी प्रकार के दिव्यांग बच्चे यदि हैं तो उनके अभिभावक से आग्रह है कि वे इस शिविर में उनका नामांकन जरूर कराएं। यह नामांकन समीप के परिषदीय विद्यालय में भी कराया जा सकता है। प्रशिक्षित अध्यापक बच्चों को शिविर में इस प्रकार प्रशिक्षित कर देते हैं कि वह सामान्य बच्चों की भांति अपनी शिक्षा प्राप्त कर सकें। इससे इस प्रकार के विशिष्ट आवश्यकता वाले बच्चे शिक्षा की मुख्य धारा से जुड़ सकते हैं।''

- केशराज ¨सह, डीसी समेकित शिक्षा, मीरजापुर।


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