प्रेरणा एप से स्कूलों का निरीक्षण करने से कतरा रहे हैं अधिकारी
परिषदीय स्कूलों में शिक्षकों और बच्चों की हाजिरी प्रेरणा एप के माध्यम से लगने लगी है तो वहीं दूसरी तरफ सरकार का प्रेरणा एप अधिकारियों के लिए फजीहत बन गया है। कारण शिक्षा की गुणवत्ता सुधारने और उपस्थिति व एमडीएम में फर्जीवाड़ा रोकने के लिए प्रेरणा एप से निरीक्षण का फरमान है।
जागरण संवाददाता, मीरजापुर : परिषदीय स्कूलों में शिक्षकों और बच्चों की हाजिरी प्रेरणा एप के माध्यम से लगने लगी है तो वहीं दूसरी तरफ सरकार का प्रेरणा एप अधिकारियों के लिए फजीहत बन गया है। कारण शिक्षा की गुणवत्ता सुधारने और उपस्थिति व एमडीएम में फर्जीवाड़ा रोकने के लिए प्रेरणा एप से निरीक्षण का फरमान है। इसके बाद से जनपद स्तरीय, ब्लाक स्तरीय टास्क फोर्स के सदस्यों को प्रेरणा निरीक्षण एप के माध्यम से न्यूनतम पांच स्कूलों का निरीक्षण करना होता है।
जनपदीय अधिकारी पहले अपने मातहत अधिकारियों को भेजकर स्कूलों के निरीक्षण का कोरम पूरा कर लेते थे, लेकिन प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के डिजिटल इंडिया ने ऐसे अधिकारियों को फजीहत में डाल दिया है। क्योंकि अब जनपद स्तरीय अधिकारियों को परिषदीय स्कूलों का निरीक्षण अब प्रेरणा एप के माध्यम से करना होता है, जिसमें अधिकारियों के स्कूल पर पहुंचने से लेकर निरीक्षण सहित वापसी तक की वीडियो रिकार्डिंग आनलाइन प्रेरणा एप से करनी होती है। अब इसको लेकर साहब परेशान है। स्कूलों का निरीक्षण करने वाले संबंधित अधिकारियों को पोर्टल व प्रेरणा एप पर बच्चों व शिक्षकों संग फोटो अपलोड करना होता है। वर्तमान समय में 1611 प्राथमिक, 601 उच्च प्राथमिक विद्यालय, 06 मल्टी स्टोरीज और 10 कस्तूरबा गांधी आवासीय बालिका विद्यालय संचालित हो रहे हैं। इन 2228 स्कूलों में पढ़ने वाले लगभग दो लाख 50 हजार 975 बच्चों पढ़ रहे हैं। इसके लिए 4572 शिक्षक, 2200 शिक्षा मित्र तथा लगभग 700 अनुदेशक तैनात है।
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प्रेरणा एप के माध्यम से स्कूलों का निरीक्षण होना है। जनपदीय अधिकारियों द्वारा प्रेरणा एप के माध्यम से स्कूलों का निरीक्षण किया जा रहा है वहीं कुछ लोगों द्वारा अभी नहीं किया जा रहा है। इसके लिए उच्चाधिकारियों को अवगत कराया गया है।
- वीरेंद्र कुमार सिंह, बीएसए, मीरजापुर।