पशु अस्पताल में डायरिया कीड़ी मारने की दवा नहीं
स्थानीय पशु चिकित्सालय में पशुओं के लिए आवश्यक दवाइयों के न मिलने से आसपास के पशुपालकों परेशानी का सामना करना पड़ रहा है। ग्रामीणों का आरोप है कि यहां पर आने वाली दवाइयां कहां जाती हैं किसी को नहीं पता। जब भी दवा के लिए पशु चिकित्सा केंद्र जाइए तो दवा नहीं मिलती।
जागरण संवाददाता, जमुआं (मीरजापुर) : स्थानीय पशु चिकित्सालय में पशुओं के लिए आवश्यक दवाइयों के न मिलने से आसपास के पशुपालकों परेशानी का सामना करना पड़ रहा है। ग्रामीणों का आरोप है कि यहां पर आने वाली दवाइयां कहां जाती हैं, किसी को नहीं पता। जब भी दवा के लिए पशु चिकित्सा केंद्र जाइए तो दवा नहीं मिलती।
जमुआं पशु चिकित्सा केंद्र पर पर इस समय न तो डायरिया की दवा है और न ही कीड़ी मारने की दवा है। बारिश में होने वाले चर्मरोग की कोई दवा अस्पताल में उपलब्ध नहीं है। इस मौसम में पशुओं के शरीर पर कीलनी का प्रकोप होता है, यह आवश्यक दवा भी जमुआं पशु चिकित्सालय में उपलब्ध नहीं है। पशुपालकों दवाइयां नहीं मिलती तो उन्हें ऊंचे दामों पर निजी दुकानदारों से खरीदना पड़ता है। हीरापुर निवासी संतोष कुमार 20 दिन के बछड़े के चर्मरोग का इलाज कराने पहुंचे तो दवाइयां नहीं मिली। उन्हें दूसरे दिन आने का आश्वासन दिया गया इसके बाद भी दवा नहीं मिली। जबकि बछड़े की हालत बेहद खराब बनी हुई है और पशु चिकित्साधिकारी दवा न होने का बहाना बना देते हैं। ग्रामीणों का कहना है कि हर महीने लाखों की दवाएं आती हैं लेकिन सब ब्लैक कर दिया जाता है। निजी चिकित्सकों को यही दवाएं देकर उंची वसूली की जाती है जिसकी वजह से जरुरतमंद पशुपालकों को भी दवा नहीं मिल पाती। इससे स्थानीय लोगों में काफी आक्रोश है।
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केवल एंटीबायोटिक व फीवर की दवा उपलब्ध है। चर्मरोग की कोई दवा मौजूद नहीं है और न ही यहां पर मिनरल मिक्चर ही उपलब्ध है। आवश्यक दवाओं की मांग की जा रही है।
-डा. विनोद कुमार तिवारी, पशु चिकित्साधिकारी, जमुआं