यज्ञशाला की परिक्रमा संग राम कथा से बही भक्ति गंगा
नगर के महुवरिया स्थित बीएलजे इंटर कालेज के मैदान पर आयोजित श्रीलक्ष्मी नारायण महायज्ञ के दौरान वेद मंत्रों की गूंज से नगर भक्तिमय बना रहा। प्रज्वलित अग्नि में स्वाहा के साथ पड़ रही आहूति से भक्ति के बीच भक्तगण मुदित रहे। यज्ञ मंडप में बने 25 कुंड पर दो-दो यजमान सपत्नीक पूजन-अर्चन और आहुति दिए।
जागरण संवाददाता, मीरजापुर : नगर के महुवरिया स्थित बीएलजे इंटर कालेज के मैदान पर आयोजित श्रीलक्ष्मी नारायण महायज्ञ के दौरान वेद मंत्रों की गूंज से नगर भक्तिमय बना रहा। प्रज्ज्वलित अग्नि में स्वाहा के साथ पड़ रही आहूति से भक्ति के बीच भक्तगण मुदित रहे। यज्ञ मंडप में बने 25 कुंड पर दो-दो यजमान सपत्नीक पूजन-अर्चन और आहुति दिए। भगवान श्रीलक्ष्मी नारायण की कृपा पाने के लिए भक्त करीब चार घंटे भव्य और विशाल मंडप में आसन पर बैठकर अग्नि को आहुति अर्पित करते रहे।
यज्ञ मंडप की परिक्रमा कर भक्त संसार को अपने वशीभूत कर उसका संचालन करने वाली लक्ष्मी नारायण के साथ ही यज्ञ भगवान को नमन कर रहे हैं। जीवन जीने का संदेश मर्यादा पुरुषोत्तम भगवान श्रीराम ने सरलता के साथ दिया है। उसे अपने जीवन में उतारने वाला भक्त कभी भी हताश निराश नहीं होता। परिवार की खुशहाली के लिए परिवार के साथ कथा सत्संग में शामिल होना चाहिए। श्रीराम कथा मंच के व्यास पीठ से प्रदीप कृष्ण भारद्वाज ने कहा कि अहं का त्याग कर देना चाहिए। अहंकार रुपी ऊंचाई का परित्याग करने से ही कथा का श्रवण किया जा सकता है। कथावाचक ने कहा कि जो कथा नहीं सुनता उसकी व्यथा शुरू हो जाती है। महादेव ने माता सीता को बताया कि भगवान का परमेश्वर के अवतार हैं पर माता तैयार नहीं हुई, उन्होंने कथा नहीं सुना उनकी व्यथा आरंभ हो गई। प्रदीप महाराज ने सुमधुर आवाज में जब गीतों के माध्यम से कथा सुनाई तो भक्तगण झूम उठे। इस दौरान संजय अग्रवाल, अनिल बरनवाल, आलोक अग्रवाल, नीलकंठ जायसवाल, अंकुर श्रीवास्तव, शेखर केसरवानी लाखा, देवेश चौरसिया, विकास दूबे, आनंद अग्रवाल, संतोष सिंह आदि रहे।