बजट अवमुक्त फिरभी जिले में अधूरे पड़े विकास कार्य
बजट अवमुक्त होने के बाद भी विकास कार्यो में लापरवाही बरतने वाले विभागों पर नकेल कसना शुरु हो गया है। मुख्य विकास अधिकारी अविनाश सिंह ने संबंधित विभागों को 15 मार्च तक का अल्टीमेटम दिया है। इसके बाद भी विकास कार्य अधूरे मिलने पर संबंधित अधिकारियों पर कठोर कार्रवाई की चेतावनी भी दी है।
जागरण संवाददाता, मीरजापुर : बजट अवमुक्त होने के बाद भी विकास कार्यो में लापरवाही बरतने वाले विभागों पर नकेल कसना शुरु हो गया है। मुख्य विकास अधिकारी अविनाश सिंह ने संबंधित विभागों को 15 मार्च तक का अल्टीमेटम दिया है। इसके बाद भी विकास कार्य अधूरे मिलने पर संबंधित अधिकारियों पर कठोर कार्रवाई की चेतावनी भी दी है।
सरकार की महत्वाकांक्षी योजनाओं के तहत जनपद में मेडिकल कालेज, सड़क, भवन, सेतु सहित कई विकास कार्य कराए जा रहे हैं। इसमें से कई विकास कार्यो की लागत 50 लाख से अधिक की है। बीते दिनों सीडीओ ने विकास कार्यो की समीक्षा के दौरान पाया कि अधिशासी अभियंता लोक निर्माण विभाग प्रांतीय खंड निर्माण दो, अधिशासी अभियंता ग्रामीण अभियंत्रण विद्युत प्रथम, परियोजना प्रबंधक उत्तर प्रदेश राज्य सेतु निगम मीरजापुर इकाई तथा अन्य कार्यदायी संस्थाओं के परियोजना प्रबंधक के निर्देशन में विकास कार्य काफी कच्छप गति से हो रहा है। इन विभागों को विकास कार्यो को पूर्ण कराने के लिए कई परियोजनाओं पर धनराशि पूर्ण रूप से जारी भी किया जा चुका है। बावजूद इसके विकास कार्यो में इन कार्यदायी संस्थाओं द्वारा लापरवाही बरती जा रही है।
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विकास कार्य का नाम - कार्यदायी संस्था - लागत
मेडिकल कालेज पिपराडाड़ - राजकीय निर्माण निगम सोनभद्र इकाई - दो अरब 32 करोड़ 97 लाख
आईटी इंजीनियरिग कालेज बथुआ - सीएनडीएस - 88 करोड़ 68 लाख
अश्निशमन केंद्र मड़िहान - आवास विकास परिषद वाराणसी - सात करोड़ नौ लाख
पुल पड़री बेलवन मार्ग - सेतु निगम - 12 करोड़ 16 लाख रूपया
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कार्यदायी संस्थाओं और विभागों को शासकीय नियमों व निर्देशों के अनुसार धनराशि व्यय करते हुए मानक के अनुरूप विकास कार्य कराने का निर्देश दिया गया है। यदि किसी स्तर पर नियमों का विचलन की स्थिति पाई जाती है तो संबंधित के खिलाफ कठोर कार्रवाई की जाएगी।
- अविनाश सिंह, मुख्य विकास अधिकारी, मीरजापुर।