Mirzapur News: योजनाओं का सहारा, सरकारी अस्पतालों पर बढ़ रहा गर्भवती महिलाओं विश्वास; ये आंकड़े हैं गवाह
उत्तर प्रदेश सरकार सभी वर्ग के लोगों को सरकारी योजनाओं से लाभान्वित कर रही है। इसी क्रम में प्रदेश शासन ने गर्भवती महिलाओं के लिए भी कई प्रकार की योजनाओं का क्रियान्वयन किया है। जिससे गर्भवती महिलाओं का भरोसा भी सरकारी अस्पतालों के प्रति बढ़ा है।
मीरजापुर, जागरण संवाददाता। सरकारी अस्पतालों में सुविधा बढ़ने व जननी सुरक्षा योजना चलाए जाने के बाद से गर्भवती महिलाओं का सरकारी अस्पताल पर विश्वास बढ़ा है। इसके चलते पिछले कुछ सालों से प्रसव की संख्या बढ़ने लगी है। महिलाएं सरकारी अस्पतालों में प्रसव कराने के लिए पहुंच रही है। जिसका लाभ भी उनको मिल रहा है।
सरकार की ओर से मरीजों को बेहतर से बेहतर चिकित्सकीय सुविधा उपलब्ध कराने के लिए हर संभव प्रयास किया रहा है। इसके साथ ही जननी सुरक्षा योजना के तहत सरकारी अस्पतालों में प्रसव कराने वाली महिलाओं को सहायता राशि भी प्रदान की जा रही है। इसमें ग्रामीण महिलाओं को 1400 व नगरीय महिलाओं को एक हजार रुपये दिए जा रहे है। इसके साथ ही प्रधानमंत्री मातृ वंदना योजना के तहत गर्भवती होने से लेकर प्रसव के दौरान तक करीब पांच हजार रुपये दिए जाते है। फ्री में इलाज के बाद सरकारी की ओर से पांच से छह हजार रुपये दी जाने वाली धनराशि के चलते गर्भवती महिलाएं अब सरकारी अस्पतालों में प्रसव कराने आ रही है। इससे इनकी संख्या में निरंतर बढ़ रही है।
आकड़ों पर गौर करे तो हो रही बढ़ोतरी
पिछले चार सालों के आकड़ों पर गौर करे तो 2018 के बाद से प्रसव की संख्या में बढ़ोतरी हुई है। वर्ष 2022 व 23 में एक हजार 167 गर्भवती महिलाओं का सरकारी अस्पताल में प्रसव कराने की संख्या बढ़ी है। विभाग की ओर से लगातार प्रसव बढ़ाने की संख्या को लेकर गर्भवती महिलाओं को जागरूक कर रहा है कि यहां प्रसव कराने से सुविधाओ के साथ साथ उनको आर्थिक लाभ से मजबूत किया जाता है। जिससे वह प्रसव के बाद अपने सेहत का ख्याल रखने के लिए बेहतर खाना पीना खा सके।
वर्ष - संस्थागत प्रसव
2018-19 - 40,137
2019-20 - 40,308
2020-21 - 40,223
2021-22 - 41,167
2022-23 - 41,037
किस वर्ष कितने लाभार्थी को दी धनराशि
वर्ष - धनराशि (रुपये)
2018-19 - 6,55,77,685
2019-20 - 6,36,29,824
2020-21 - 6,44,64,241
2021-22 - 5,90,17,842
2022-23 - 6,30,76,750
क्या कहते हैं अधिकारी
डॉ. राजेंद्र प्रसाद मुख्य चिकित्साधिकारी ने बताया कि सरकारी अस्पतालों में लगातार प्रसव कराने वाली महिलाओं की संख्या बढ़ रही है। इसका मुख्य कारण है कि उनको सरकारी अस्पतालों बेहतर सुविधा मिलने लगी है। साथ ही प्रसव कराने के बाद उनको कुछ धनराशि भी दी जा रही है।