जिले में तेजी से डेंगू के बढ़ रहे हैं मरीज
जनपद में बढ़ते मच्छरों के प्रकोप को समाप्त नहीं किए जाने के चलते तेजी से डेगूं रोग के मरीजों में इजाफा हो रहा है। अबतक सौ से अधिक लोग इस रोग से ग्रसित हो चुके हैं। यही नहीं इसकी चपेट में आकर एक चौकीदार की मौत भी हो चुकी है। फिर भी स्वास्थ्य विभाग की ओर से कोई ठोस कदम नहीं उठाए जा रहे हैं।
जागरण संवाददाता, मीरजापुर : जनपद में बढ़ते मच्छरों के प्रकोप को समाप्त नहीं किए जाने के चलते तेजी से डेंगू रोग के मरीजों में इजाफा हो रहा है। अबतक सौ से अधिक लोग इस रोग से ग्रसित हो चुके हैं। यही नहीं इसकी चपेट में आकर एक चौकीदार की मौत भी हो चुकी है। फिर भी स्वास्थ्य विभाग की ओर से कोई ठोस कदम नहीं उठाए जा रहे हैं। ंबरसात खत्म हो चुकी अब ठंड का मौसम आ चुका है। बावजूद मच्छरों का प्रकोप समाप्त होने के नाम नहीं ले रहा है। आज काफी मात्रा में मच्छर दिन और रात को दिखाई दे रहे हैं। जहां पर हल्की सी भी गंदगी है वहां पर तो इनकी भरमार है। यहीं कारण है कि डेंगू रोगियों की संख्या में लगातार बढ़ोत्तरी हो रही है। मरीजों की संख्या में बढ़ोत्तरी होने से लोगों में इस रोग को लेकर भय भी व्याप्त हो रहा है। जनपद के नगरीय इलाके में सबसे अधिक डेंगू के 50 रोगी है। इसके अलावा विध्याचल, छानबे, लालगंज, हलिया, मड़िहान, अहरौरा, जमालपुर, अदलहाट, चुनार, पड़री, कछवां, चील्ह आदि इलाकों में भी डेंगू के मरीज लगातार प्रकाश में आ रहे हैं। सरकारी आंकड़े पर गौर करे तो अप्रैल से लेकर अबतक मात्र 16 मरीज ही डेंगू रोग से पीड़ित पाए गए हैं जबकि अन्य आकड़ों की बात करे तो सौ से अधिक रोगी है। कुछ का इलाज सरकारी चिकित्सालय में चल रहा तो अधिकांश का निजी चिकित्सालय में इलाज कराया जा रहा है। नगर के बरकछा खुर्द में गांव के चौकीदार अमरनाथ की सोमवार को डेंगू की चपेट में आने से मौत भी हो चुकी है। हालांकि स्वास्थ्य महकमा इस रोग की रोकथाम के लिए कारगर कदम उठाने का दावा कर रहा है लेकिन उसका सारा दावा फेल होता जा रहा है। बताया गया कि यह रोग वाहक एडीज इजिप्टाई मच्छर (टाइगर मच्छर) के काटने से फैलता है। यह मच्छर दिन में काटता है।
वर्जन
डेंगू रोग की रोकथाम के लिए टीमें लगाई है। लगातार गांवों में दवा का छिड़काव कर मच्छरों को मारने का काम किया जा रहा है। लेागों से अपने आसपास के इलाको को साफ सुथरा रखने को कहा जा रहा है। जिसके चलते इस रोग से पीड़ितों में काफी
कमी आई है।
-डा. ओपी तिवारी मुख्य चिकित्साधिकारी