बेटी की दिलेरी से लुटेरा धराशायी, पुलिस रही सुस्त
थाना क्षेत्र के रेहड़ा पुलिस चौकी के पास 14 दिसंबर की रात करीब नौ बजे चार लुटेरों ने पिता-पुत्री को घेरकर लूटपाट की थी। इस दौरान बेटी ने हिम्मत दिखाते हुए लुटेरों से मोर्चा ले लिया व एक लुटेरे पर टूट पड़ी और उसे धराशायी कर दिया।
¨वध्याचल कस्बा में 14 दिसंबर की रात नौ बजे चार लुटेरों ने पिता-पुत्री से की लूट
देहरादून के रहने वाले हैं पीड़ित, शादी उत्सव में शामिल होने पहुंचे थे ¨वध्याचल
कानूनी कार्रवाई न कर लूटा गया सामान मिलने के बाद वापस चले गए घर
जागरण संवाददाता, ¨वध्याचल (मीरजापुर) : थाना क्षेत्र के रेहड़ा पुलिस चौकी के पास 14 दिसंबर की रात करीब नौ बजे चार लुटेरों ने पिता-पुत्री को घेरकर लूटपाट की थी। इस दौरान बेटी ने हिम्मत दिखाते हुए लुटेरों से मोर्चा ले लिया व एक लुटेरे पर टूट पड़ी और उसे धराशायी कर दिया। इसके बाद पुलिस को सूचित किया तो मौके पर पहुंची पुलिस ने लुटेरे को हिरासत में लिया और मामले की जांच की गई। हालांकि पीड़ित पिता व पुत्री ने कानूनी कार्रवाई नहीं की और लूटा गया सामान मिलने के बाद वापस अपने घर को चले गए।
देहरादून के रहने वाले गोपाल दास शर्मा ने 14 दिसंबर को ¨वध्याचल कस्बा निवासी मोहन पुष्पकार के यहां शादी में आए थे। वे अपनी बेटी के साथ रेहड़ा पुलिस से गुजर रहे थे उसी समय चार लुटेरों ने उनका रास्ता रोक लिया और लूटपाट की नियत से भिड़ गए। लुटेरों ने लड़की का पर्स छीन लिया और 15 हजार नगद छीनकर भागने लगे। इसी दौरान गोपाल दास की बेटी ने हिम्मत दिखाते हुए एक लुटेरे को वहीं जमीन पर पटक दिया और 100 नंबर पर फोन कर पुलिस बुला ली। मौके पर पहुंची पीआरवी कर्मियों ने लुटेरे को लेकर थाने गई। पुलिस ने बताया कि लुटेरे से पूछताछ की गई तो उसने महुवरिया निवासी सभी का नाम बता दिया। पुलिस ने लड़की का पर्स बरामद किया जिसमें 50 हजार से ज्यादा के गहने थे। पीड़ितों के अनुसार नगद लूटे गए 15 हजार रुपये उन्हें नहीं मिल सके हैं। स्थानीय लोगों का कहना है कि लड़की की बहादुरी से लुटेरे तो पकड़ में आए लेकिन पुलिस उन पर सख्त कार्रवाई नहीं कर रही और पकड़े गए लुटेरे का धारा 151 में चालान कर दिया। जबकि उन पर लूट का मुकदमा दर्ज करना चाहिए। ¨वध्याचल कस्बा बना लूट का अड्डा
¨वध्याचल कस्बे में इन दिनों पाकेटमारी करने वाले, छिनैती करने वाले और लूटने वाले सक्रिय हैं। थाना कोतवाली रास्ते पर गया साव की दुकान से मंदिर की चढ़ाई तक इस तरह के काम हो रहे हैं और पुलिस सब कुछ जानते हुए मूकदर्शक बनी हुई है। स्थानीय लोगों ने पुलिस की कार्यप्रणाली पर सवाल खड़े किए हैं।