सीबीआइ जांच अंतिम दौर में
जागरण संवाददाता, मीरजापुर : राष्ट्रीय ग्रामीण स्वास्थ्य मिशन (एनआरएचएम) योजना के धन में जिले मे
जागरण संवाददाता, मीरजापुर : राष्ट्रीय ग्रामीण स्वास्थ्य मिशन (एनआरएचएम) योजना के धन में जिले में करोड़ों के हेरफेर की जांच सीबीआइ अब अंतिम दौर में है। योजना के लिए स्वास्थ्य विभाग में दवा और उपकरण की खरीद फरोख्त में घोटालों का आरोप है। इस दौरान दस सीएमओ बदले गए। दो वर्ष में सीएमओ की कुर्सी पर आठ सीएमओ बैठाए गए।।
एनआरएचएम योजना वर्ष 2006 में शुरू हुई थी। इसका क्रियान्वयन और विभाग में खरीदारी वर्ष 2007 से 2011 के बीच की गई। वर्ष 2007-08 में चार-चार और वर्ष 2010 में तीन सीएमओ बदल दिए गए। सामानों की खरीद इसी दौरान हुई। एनआरएचएम में हुए घोटाले की जांच सीबीआइ कर रही है। अब तक डेढ़ दर्जन से अधिक बार सीबीआइ यहां आकर दस्तावेज खंगाल चुकी है। पिछले माह भी टीम जिले में आई थी। एक सप्ताह पहले सीएमओ कार्यालय के एक बाबू को दस्तावेज के साथ लखनऊ तलब किया था। अब संभावना यह है कि सीबीआइ कभी भी न्यायालय में चार्जशीट दाखिल कर एफआइआर दर्ज करा सकती है। सीबीआइ के घेरे में आधा दर्जन से अधिक पूर्व सीएमओ, नो़डल अधिकारी और सीएमओ कार्यालय के कई लिपिक आ सकते हैं। 'एनआरएचएम योजना वर्ष 2006 में लागू की गई है। इसमें कुछ गड़बड़ियां हुई है जिसकी जांच सीबीआइ स्तर से की जा रही है सीबीआइ टीम दस्तावेज की छानबीन की थी बाबू को भी लखनऊ तलब किया था। फाइनेंसियल रिकार्ड में जो लोग होंगे वे इसकी लपेट में आ सकते है।'
- डा. ओपी तिवारी, सीएमओ, मीरजापुर।