बंद नहीं हो सका गंगा में गिर रहे नालों का पानी
प्रयागराज में कुंभ मेले के मद्देनजर गंगा में गिरने वाले नालों के पानी को बंद करने का फरमान प्रदेश सरकार द्वारा जारी किया गया था। बावजूद इसके जिला प्रशासन और नगर पालिका द्वारा समुचित व्यवस्था नहीं की जा सकी, जिसके चलते अभी भी गंगा में 17 नालों का गंदा पानी गिर रहा है।
जागरण संवाददाता, मीरजापुर : प्रयागराज में कुंभ मेले के मद्देनजर गंगा में गिरने वाले नालों के पानी को बंद करने का फरमान प्रदेश सरकार द्वारा जारी किया गया था। बावजूद इसके जिला प्रशासन और नगर पालिका द्वारा समुचित व्यवस्था नहीं की जा सकी, जिसके चलते अभी भी गंगा में 17 नालों का गंदा पानी गिर रहा है। माघ में कुंभ मेला के चलते गंगा घाटों पर 15 जनवरी से मकर संक्रांति पर लोगों की भीड़ स्नान करने उमड़ेगी। भक्तों को मकर संक्रांति पर नालों से गिर रहे गंदे पानी के बीच ही स्नान करना पड़ेगा।
वर्तमान समय में जनपद में 27 नालों में से 10 को बंद कराने में जिला प्रशासन ने सफलता पा ली है लेकिन 17 नाले अभी भी जिला प्रशासन के लिए चुनौती बने हुए है। वहीं नगर पालिका परिषद चुनार में 14 नालों में से 10 बंद है और चार नालों से अभी भी गंदा पानी गिर रहा है। लाख कवायद के बावजूद गंगा में अभी भी अनटैब्ड नालों से लगभग 12.365 मिलियन लीटर पर डे (एमएलडी) गंदा पानी बिना शोधित किए ही गिर रहा है। हांलाकि जिला प्रशासन द्वारा 11 टैब्ड नालों का लगभग 16.58 एमएलडी पानी शोषित करके ही गंगा में गिराया जा रहा है, बावजूद इसके अभी भी 12.365 एमएलडी गंदा पानी जिला प्रशासन के लिए चुनौती बना हुआ है। जिले के 14 उद्योगों में ईटीपी स्थापित किया गया है, जिनमें नालों के द्वारा पानी को गंगा में निस्तारित किया जाता है। हांलाकि जिला प्रशासन द्वारा इन क्षेत्रों में एक डेयरी उद्योग, पांच टैक्सटाइल उद्योग और दो स्लाटर हाउस को बंद कराया जा चुका है। -----वर्जन
'गंगा में नालों का गंदा पानी गिरने से रोकने की कार्रवाई चल रही है। इसके लिए नालों का स्वयं निरीक्षण किया जा रहा है। नगर पालिका को निर्देश दिया गया है कि नालों पर जाली लगवाकर और साफ करने के बाद ही गंगा में पानी गिराए'।
- सुशील लाल श्रीवास्तव, नगर मजिस्ट्रेट, मीरजापुर ।