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उफनाई गंगा पार करेंगी खतरे का निशान, अलर्ट पर प्रशासन

केंद्रीय जल आयोग ने जो पूर्वानुमान लगाया है उसके मुताबिक शुक्रवार सुबह आठ बजे गंगा का जलस्तर 77.

By JagranEdited By: Published: Thu, 19 Sep 2019 06:16 PM (IST)Updated: Thu, 19 Sep 2019 06:16 PM (IST)
उफनाई गंगा पार करेंगी खतरे का निशान, अलर्ट पर प्रशासन

जागरण संवाददाता, मीरजापुर : केंद्रीय जल आयोग ने जो पूर्वानुमान लगाया है उसके मुताबिक शुक्रवार सुबह आठ बजे गंगा का जलस्तर 77.80 मीटर पहुंच जाएगा। गंगा किसी भी समय खतरे का लाल निशान 77.72 पार कर जाएंगी जिससे तटवर्ती क्षेत्रों में हालात बिगड़ने के आसार बढ़ गए हैं। वहीं दूसरी जिला प्रशासन बाढ़ की स्थिति को देखते हुए अलर्ट घोषित कर रखा है और बाढ़ प्रभावित गांवों में राहत व बचाव कार्य चलाए जा रहे हैं।

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इससे पहले 2013 में गंगा का जलस्तर करीब 80 मीटर तक पहुंच गया था जिससे सैकड़ों गांव बाढ़ की विभिषिका झेलने पर मजबूर हो गए थे। अभी भी जलस्तर प्रति दो घंटे में एक सेंटीमीटर की दर से बढ़ रहा है। गुरुवार शाम पांच बजे गंगा का जलस्तर 77.48 मीटर रिकार्ड किया गया जो देर रात खतरे के बिदु तक पहुंच जाएगा। केंद्रीय जल आयोग के अवर अभियंता रविशंकर सिंह ने बताया कि शुक्रवार सुबह आठ बजे का अनुमान यह है कि गंगा का जलस्तर खतरे के निशान से उपर 77.80 मीटर पहुंच जाएगा। उन्होंने बताया कि बढ़ाव रुक जाता तो यह स्थिति नहीं बनती लेकिन गंगा का पानी लगातार बढ़ रहा है। प्रशासन ने इस अनुमान के बाद गुरुवार को ही दुबारा अलर्ट जारी किया व सभी क्षेत्रों में लगातार नजर रखने के निर्देश दिए।

महीने भर का राशन जुटा रहे लोग

विकासखंड कोन क्षेत्र में गंगा की बाढ़ की गति को देखते हुए ग्रामीणों में दहशत है तथा सभी सभी लोग एक महीने का खाने-पीने का सामान सुरक्षित रखने के लिए परेशान दिखाई दे रहे हैं। गंगा बाढ़ की गति दिनों दिन बढ़ते देख बाढ़ प्रभावित लोगों ने एक महीने तक की खाने-पीने की सामग्री आटा, चावल, दाल, तेल की व्यवस्था में देखे जा रहे हैं। आटा चक्की और स्पेलर तथा परचून की दुकानों पर भीड़ देखी जा रही है। बाढ़ पीड़ितों ने बताया की अभी तक तो बिजली की व्यवस्था ठीक चल रही है तथा कब बिजली व्यवस्था खराब हो जाएगी इसके मद्देनजर घरों में रोशनी के लिए मिट्टी तेल की व्यवस्था कराई जाए।

सड़क पर दलदल, आवागमन में बाधा

अकोढ़ी गांव के पचफुलवा के पास बनाए जा रहे नए पुल की दशा खराब होने पर पुराने रास्ते से वाहनों को पास किया जा रहा है। यह स्थान ऐसा है जहां तक बाढ़ का पानी पहुंच रहा है। नए पुल के सामने जर्जर पुल पर गिट्टी  फेंकी गई है लेकिन दलदल हो जाने के कारण खतरनाक हो गया है। बाढ़ की वजह से आवागमन रुक सकता है। कर्बला तक पानी पहुंच गया तो हालात और भी खराब ाहोंगे। लोगों ने बताया कि यदि बन रहे पुल का निर्माण बरसात के पहले हो गया होता तो यह समस्या न आती।

आंकड़ों में बाढ़

खतरे का निशान : 77.72 मीटर

गुरुवार को जलस्तर : 77.45 मीटर

शुक्रवार अनुमानित : 77.80 मीटर

कुल प्रभावित गांव : 498

अति प्रभावित गांव : 134

बाढ़ चौकियों की संख्या : 37

लगाई गई नावें : 08

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गंगा का जलस्तर सुबह तक बढ़ने का अनुमान लगाया गया है और उम्मीद है कि अब बढ़ाव कम हो जाएगा। जहां समस्या ज्यादा है वहां नाव लगाई गई है। प्रशासन हर स्थिति से निबटने के लिए तैयार है।

- यूपी सिंह, अपर जिलाधिकारी, मीरजापुर


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