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भगवान श्री कृष्ण और रुक्मिणी विवाह का सुंदर वर्णन

जागरण संवाददाता, कछवां (मीरजापुर) : आदर्श नगर पंचायत के डीह स्थित संजीव मोहन के अहाते में आयोजित

By JagranEdited By: Published: Wed, 06 Jun 2018 07:28 PM (IST)Updated: Wed, 06 Jun 2018 07:28 PM (IST)
भगवान श्री कृष्ण और रुक्मिणी विवाह का सुंदर वर्णन
भगवान श्री कृष्ण और रुक्मिणी विवाह का सुंदर वर्णन

जागरण संवाददाता, कछवां (मीरजापुर) : आदर्श नगर पंचायत के डीह स्थित संजीव मोहन के अहाते में आयोजित श्रीमछ्वागवत कथा के समापन अवसर पर बुधवार को कथावाचक पं. मंशाराम शास्त्री ने भगवान श्रीकृष्ण और रुक्मिणी विवाह का वर्णन किया। उन्होंने युद्ध से लेकर विवाह तक के लीला का रसपान कराया। इस दौरान कथा सुन भक्तों ने खूब जयकारे लगाए जिससे पूरा पंडाल गुंजायमान रहा।

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शास्त्री ने कहा कि जरासंध जैसे बलशाली के अहंकार को भी भगवान ने समाप्त कर दिया तो इस मानव शरीर का किस बात का अहंकार है। कलयुग में न तो कोई अपना है और न ही पराया है। ईश्वर ने इस जगत को बनाया है। यहां सब उन्हीं के मर्जी से होता है। आज तो पूजा-पाठ, भजन-कीर्तन सब में आडंबर का दिखावा हो गया है। धर्म को राजनीति से जोड़ दिया गया है। धर्म और राजनीति एक साथ संभव ही नहीं है। मन को एकाग्रचित करके श्रीकृष्ण के याद में ¨चतन और मनन करना चाहिए। समाज के अंदर व्याप्त कुरीतियों को दूर करने का एकमात्र माध्यम भगवान है। इस मौके पर राजीव मोहन उपाध्याय, उमा शंकर यादव, मटूक ¨सह, प्रिया, गुड्डू ¨सह आदि मौजूद थे। 


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