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फाइलों में एंटी रोमियो दस्ता लड़कियों का राह चलना दूभर

मनचलों की बढ़ती हरकतों पर लगाम लगाने के लिए जनपद में एंटी रोमियो दस्ते का गठन तो जरुर किया गया लेकिन यह सिर्फ फाइलों पर ही दौड़ता नजर आ रहा है। आए दिन छात्राओं किशोरियों से छेड़खानी छींटाकशी अपशब्द कहने की शिकायतें मिलती हैं जिस पर पुलिस गंभीरता से काम नहीं कर पाती।

By JagranEdited By: Published: Wed, 24 Apr 2019 09:38 PM (IST)Updated: Wed, 24 Apr 2019 09:38 PM (IST)
फाइलों में एंटी रोमियो दस्ता
लड़कियों का राह चलना दूभर
फाइलों में एंटी रोमियो दस्ता लड़कियों का राह चलना दूभर

जागरण संवाददाता, मीरजापुर : मनचलों की बढ़ती हरकतों पर लगाम लगाने के लिए जनपद में एंटी रोमियो दस्ते का गठन तो जरुर किया गया लेकिन यह सिर्फ फाइलों पर ही दौड़ता नजर आ रहा है। आए दिन छात्राओं, किशोरियों से छेड़खानी, छींटाकशी, अपशब्द कहने की शिकायतें मिलती हैं, जिस पर पुलिस गंभीरता से काम नहीं कर पाती। शहर में तो फिर भी कुछ गनीमत है कि सूचना पर एंटी रोमियो दस्ता पहुंच जाता है लेकिन ग्रामीण क्षेत्रों में हालात बदतर हैं।

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महिलाओं और बालिकाओं को सुरक्षित वातावरण देने के लिए जनपद में एंटी रोमियो स्क्वायड का गठन किया गया। थाना स्तर पर गठित एंटी रोमियो दस्ता नजदीकी क्षेत्र के अपराधियों और मनचलों का विवरण रजिस्टर में दर्ज करता है लेकिन कार्रवाई बमुश्किल ही हो पाती है। पूर्व एंटी रोमियो प्रभारी सीमा सिंह मनचलों पर कार्रवाई को लेकर काफी सक्रिय रहीं और उन्होंने नगर क्षेत्र में स्कूल, कालेजों के पास अभियान चलाकर मनचलों पर कार्रवाई भी की। लेकिन उसके बाद से यह दस्ता लगभग निष्क्रिय सा पड़ा हुआ है। महिला थाना प्रभारी गीता राय ने बताया कि एंटी रोमियो दस्ते में चार महिला सिपाही, दो पुरुष सिपाही रहते हैं। यह टीम विध्याचल मंदिर सहित पर्यटन स्थलों पर औचक कार्रवाई करती है। लेकिन हाल फिलहाल कितनी कार्रवाई की गई, इसका जवाब पुलिस अधिकारियों के पास नहीं है।

मामला नंबर एक

हलिया थानाक्षेत्र के एक गांव में किशोरी के परिजनों ने एक मनचले के खिलाफ पुलिस से शिकायत की। इसके बावजूद पुलिस सक्रिय नहीं हुई जिससे मनचले का मन बढ़ गया और वह एक दिन लड़की को लेकर फरार हो गया। करीब तीन दिन बाद लड़की की बड़ी बहन ने हिम्मत दिखाते हुए मड़िहान थानाक्षेत्र से लड़के को दौड़ाकर पकड़ा व बहन को सकुशल घर ले गई। पुलिस समय रहते कार्रवाई करती तो यह घटना न होती।

मामला नंबर दो

जनपद के छानबे ब्लाक के गांव में एक लड़की को मनचलों की वजह से अपनी जान तक गंवानी पड़ी। करीब तीन महीने अंधे मां-बाप की बेटी ने मनचलों से आजिज आकर जान दी जिसे लेकर काफी हंगामा मचा। पुलिस इस बात को नकारती रही और गरीबी से मौत होने की वजह बताई। इसके बाद जिला प्रशासन भी सामने आया और गरीबी को नकारने लगा। जबकि इस मसले पर स्थानीय पुलिस ने सख्ती दिखाई होती हो तो लड़की की जान बच सकती थी।

फेल हो गया मोबाइल एप

मनचलों पर कारगर कार्रवाई के लिए एंटी रोमियो एप बनाया था। जिसको वित्तमंत्री राजेश अग्रवाल व तत्कालीन एसपी आशीष तिवारी ने मीरजापुर में लांच किया था। एप का उद्देश्य रहा कि कि जनपद के सभी पुलिसकर्मियों के मोबाइल में एप डाउनलोड रहेगा। छेड़खानी की घटना कहीं भी होने पर उसका विवरण अपलोड होते ही पुलिस उस पर कार्रवाई करेगी। लेकिन यह एप भी अब भुला सा दिया गया है और कार्रवाई के नाम पर खानापूर्ति की जा रही है।

वर्जन

'एंटी रोमियो अभियान के तहत लगातार काम किया जा रहा है। शिकायतें मिलने पर ग्रामीण क्षेत्र तक हम पहु़ंचते हैं। इस मामले में लड़कियों व महिलाओं को जागरुक भी किया जा रहा है।'

- गीता राय, महिला थाना प्रभारी


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