एलर्जी है तो अबीर, गुलाल, रंगों से दूर रहने में भलाई
मौसम बदल रहा है जिसकी वजह से सांस की बीमारियां दमा चेस्ट में इंफेक्शन खांसी सर्दी-जुकाम जैसी बीमारियां आम हो जाती हैं। होली का भी त्योहार नजदीक है और किसी भी तहर की एलर्जी वाले मरीजों को अबीर गुलाल और रंगों से परहेज करना चाहिए। साथ ही स्वस्थ रहने के लिए रोजाना सुबह की सैर बेहद जरुरी है। प्रश्न प्रहर कार्यक्रम में पहुंचे चेस्ट फिजिशियन डा. केपी श्रीवास्तव ने पाठकों के सवालों का जवाब देते हुए कहा कि सुबह ताजी हवा फेफड़ों में भरनी चाहिए इससे शरीर ही नहीं मष्तिष्क को भी नई उर्जा मिलती है। डाक्टर की सलाह रही कि किसी भी बीमारी में मेडिकल स्टोर से दवा लेने की बजाय संबंधित चिकित्सक को जरुर दिखाना चाहिए।
जागरण संवाददाता, मीरजापुर : मौसम बदल रहा है जिसकी वजह से सांस की बीमारियां, दमा, चेस्ट में इंफेक्शन, खांसी, सर्दी-जुकाम जैसी बीमारियां आम हो जाती हैं। होली का भी त्योहार नजदीक है। किसी भी तरह की एलर्जी वाले मरीजों को अबीर, गुलाल और रंगों से परहेज करना चाहिए। प्राकृतिक रंगों को अपनाएं और खुद का जीवन सुखी बनाएं। स्वस्थ रहने के लिए रोजाना सुबह की सैर बेहद जरूरी है। दैनिक जागरण के लोकप्रिय प्रश्न प्रहर कार्यक्रम में पहुंचे चेस्ट फिजिशियन डा. केपी श्रीवास्तव ने पाठकों के सवालों का जवाब दिया। कहा कि सुबह ताजी हवा फेफड़ों में भरनी चाहिए। इससे शरीर ही नहीं मस्तिष्क को भी नई उर्जा मिलती है। डाक्टर की सलाह रही कि किसी भी बीमारी में मेडिकल स्टोर से दवा लेने की बजाय संबंधित चिकित्सक को जरूर दिखाना चाहिए। पाठकों के सवाल व जवाब के कुछ अंश निम्न हैं।
सवाल : कई दिनों से सुबह जुकाम हो जाता है और काफी परेशानी होती है।
जवाब : इसके लिए गरम पानी का भाप लेना सबसे ज्यादा सहायक होता है। इसके बाद भी आराम नहीं होता तो डाक्टर को दिखाकर दवा लेनी चाहिए। कई बार अलग-अगल कारणों से सर्दी-जुकाम होता है जो चिकित्सक की जांच में ही सामने आता है।
सवाल : सांस लेने में परेशानी होती है और खांसी भी आती है।
जवाब : सांस की बीमारी है तो ठंड से बचने के हर संभव प्रयास करने चाहिए। परिवार में यह बीमारी अनुवांशिक होती है। इसके लिए नियमित दवा का सेवन करना चाहिए। धूल, धुआं और सर्दी, गर्मी से बचना चाहिए। सांस की तकलीफ बढ़ जाए तो जिला अस्पताल में आकर चेकअप कराएं और उसी के अनुसार दवाओं का सेवन करें।
सवाल : दो महीने पहले चोट लगी थी, सीने में दर्द रहता है।
जवाब : इसके लिए आपकी केस हिस्ट्री देखनी पड़ेगी। किसी भी कार्य दिवस पर चिकित्सक को दिखाएं और जांच कराकर दवाई लें। साथ ही आर्थो सर्जन से मिलें ताकि दुर्घटना के बाद की स्थिति जानी जा सके। सीने का दर्द यदि पुरानी दुर्घटना से जुड़ा है तो चेकअप कराकर ही दवा लें।
सवाल : छींक बहुत आती है, रुकती ही नहीं, क्या किया जाए।
जवाब : छींक सुबह-सुबह ज्यादा आ रही है तो इएनटी विभाग के डाक्टर को दिखाएं। छींक के लिए फौरी तौर नोजल स्प्रे से राहत मिल सकती है लेकिन एलर्जी है तो इसकी जांच करानी जरूरी है। जांच से ही पता चलेगा कि किस स्तर की एलर्जी है और उसमें कैसी दवा दी जाए।
सवाल : सीने में अचानक दर्द होने लगता है और कई बार सांस फूलती है।
जवाब : परिवार में ऐसी बीमारी पहले किसी को है तो उसकी जानकारी डाक्टर को जरुर दें। सीने में दर्द हो तो तुरंत उसी जगह पर बैठ जाना चाहिए। इसके बाद डाक्टर से मिलें व जांच कराकर दवा का प्रयोग करें। सांस की समस्या भी कई कारणों से होती है और मिलने के बाद ही इसका इलाज संभव है।
सवाल : सीने के दाहिनी तरफ दर्द रहता है, क्या करूं।
जवाब : कभी आपने इसकी जांच कराई है। यदि कराई है तो उसकी रिपोर्ट के साथ जिला अस्पताल में दिखाएं ताकि इसकी जांच की जा सके और सही इलाज हो। इन समस्याओं को इग्नोर नहीं करना चाहिए।
सवाल : आठ वर्ष के बच्चे को सांस की बीमारी हो गई है।
जवाब : सबसे पहले यह तय कर लें कि बच्चों को जंक फूड नहीं देना है। इससे कई तरह की समस्याएं आती हैं। मौसम फल और मौसमी सब्जियां ही बच्चों को दें ताकि उन्हें हर न्यूट्रिशंस मिल सके। इसकी जांच कराकर दवा कराएं।
सवाल : शरीर को स्वस्थ्य रखने के लिए क्या किया जा सकता है।
जवाब : शरीर और मष्तिष्क को स्वस्थ रखने के लिए सुबह की सैर सबसे ज्यादा जरुरी है। सैर करते समय फेफड़ों में भरपूर ताजी हवा लें और धीरे-धीरे छोड़ें। इससे शरीर को उर्जा तो मिलेगी ही मष्तिष्क को भी फायदा पहुंचेगा।
इन्होंने किए सवाल
- रामकृष्ण, विध्याचल
- डा. पुष्पेंद्र सिंह, नीबी गहरवार
- अवनीश मिश्रा, पथरौर
- वामदेव मिश्र, शेरवां
- निखिल द्विवेदी, जमालपुर
- स्वामीनाथ दूबे, जमुआं
- आरपी पांडेय, लालगंज
- अमरेश चंद्र, बरौंधा
- सविता सिंह, राजगढ़
- अनुपम चौबे, वासलीगंज