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सिविल कोर्ट की मांग को लेकर आंदोलनरत हैं अधिवक्ता

उपरौध अधिवक्ता समिति लालगंज के अधिवक्ता तहसील में सिविल कोर्ट स्थापित करने की मांग को लेकर पंद्रह दिन से आंदोलनरत रहे है। उनका आरोप है कि तहसील प्रशासन सिविल कोर्ट के लिए जमीन उपलब्ध कराने में हीलाहवाली कर रहा है।

By JagranEdited By: Published: Wed, 04 Dec 2019 04:41 PM (IST)Updated: Wed, 04 Dec 2019 04:41 PM (IST)
सिविल कोर्ट की मांग को लेकर आंदोलनरत हैं अधिवक्ता
सिविल कोर्ट की मांग को लेकर आंदोलनरत हैं अधिवक्ता

जासं, लालगंज (मीरजापुर) : उपरौध अधिवक्ता समिति लालगंज के अधिवक्ता तहसील में सिविल कोर्ट स्थापित करने की मांग को लेकर पंद्रह दिन से आंदोलनरत रहे हैं। उनका आरोप है कि तहसील प्रशासन सिविल कोर्ट के लिए जमीन उपलब्ध कराने में हीलाहवाली कर रहा है। समिति ने सिविल कोर्ट के मामले को महत्वपूर्ण मानते हुए जमीन उपलब्ध होने तक आर-पार की लड़ाई लड़ने की तहसील प्रशासन को चेतावनी दी।

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वरिष्ठ अधिवक्ता व पूर्व अध्यक्ष चंद्रदत्त त्रिपाठी के नेतृत्व में अधिवक्ताओं ने कहा कि समय की मांग है कि तहसील में सिविल कोर्ट का स्थापना जरूरी है। इससे वादकारियों को एक ही परिसर में न्याय सुलभ होगा। अधिवक्ता चंद्रदत्त त्रिपाठी द्वितीय ने कहा कि सबसे पहले सिविल कोर्ट के लिए जमीन जरूरी है।अध्यक्षता करते हुऐ समिति के पूर्व अध्यक्ष प्रभुनाथ दुबे ने कहा कि सिविल कोर्ट का प्रकरण 2009 से चल रहा है। जिसके लिए जिला जज दौरा कर चुके है।इसके बाद भी जिला व तहसील प्रशासन द्वारा अनदेखी जारी है। पूर्व अध्यक्ष कैलाशपति त्रिपाठी ने कहा कि जमीन चिहित करने की जरूरत है। इसके लिए पूर्व में चिहित की गई जमीन सिविल कोर्ट के लिए आवंटित करना जरूरी है। इस आंदोलन में राकेश दुबे, पन्ननालाल सिंह, अरविद दुबे, अरूण त्रिपाठी, प्रभुनाथ दुबे, धनेश्वर गौतम, अरूण सिंह, बृजेश त्रिपाठी, जेपी दुबे आदि अधिवक्ता शामिल रहे।


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